अजय भट्टाचार्य
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से गड्ढामुक्त सड़क अभियान चलाए जाने के बावजूद गड्ढे हैं कि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। महकमा तो पूरी ईमानदारी (?) से गड्ढों को खत्म करने में लगा है, लेकिन गड्ढे इतने जिद्दी हैं कि भरे जाने के बाद फिर मुंह खोलकर बैठ जाते हैं और इंतजार करते हैं कि कोई आए, उनमें गिरे, चोटिल हो और उन्हें शांति मिले। शायद इसीलिए उन्नाव के लोगों ने चंदा इकट्ठा किया और फिर ढीठ गड्ढों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया और गड्ढों के मंसूबों पर पानी फेरने की कोशिश की। खतरनाक और जानलेवा एक गड्ढा रातभर की मेहनत के बाद भरा गया। प्रशासन और महकमा जब इन गड्ढों को भरने में नाकाम रहा या उन्हें ये गड्ढे दिखाई ही नहीं दिए, तब स्थानीय लोग इसके खिलाफ खुद ही खड़े हो गए। शायद गड्ढे ने अधिकारियों की जेब गरम कर दी थी इसीलिए वह इस तरफ देखते ही नहीं थे। अब स्थानीय लोगों द्वारा गड्ढा भरने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस पर एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा कि गड्ढे को बदनाम न किया जाए, वो अपना काम ठीक से कर रहा है, ये लोग उसका अस्तित्व खत्म करने पर लगे हैं। कोई इनको समझाओ, कहीं इन पर ही केस न हो जाए कि सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण क्यों करवाया?
मूंछ और बाल दांव पर
राजस्थान की खींवसर, देवली-उनियारा, दौसा, झुंझुनूं, रामगढ़, सलूंबर और चौरासी विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए आज मतदान है। सूबे के चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने गारंटी दी है कि यह चुनाव भाजपा नहीं हार सकती। हार गए तो मूंछ और बाल मुंडावाकर खींवसर के सदर बाजार चौक में खड़ा होने का वादा भी कर दिया। खींवसर यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि मैंने जब यहां से चुनाव लड़ा था खींवसर में पोलिंग बूथ पर ९५ प्रतिशत वोट मिले थे। आज मैं सभी से कहता हूं यह चुनाव आप सब का और गांव के विकास का है। मैं पहली बार चुनाव जीता और वसुंधरा राजे ने मुझे मंत्री बना दिया। मैंने इस क्षेत्र का भरपूर विकास करवाया था। मेरा वैâबिनेट मंत्री का पद है, मैं सीनियर पद पर हूं। हमारी पार्टी के कारण ही नहर का पानी आप तक पहुंचा।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)