अजय भट्टाचार्य
हरियाणा पुलिस विभाग में आजकल हड़कंप मचा हुआ है। ७ महिला पुलिसकर्मियों ने मुख्यमंत्री नायब सैनी के नाम पत्र लिखकर जींद के एसपी सुमित कुमार के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। आरोप है कि सुमित कुमार, एक महिला आईपीएस अधिकारी, एक एसएचओ और एक डीएसपी के साथ मिलकर रैकेट चलाते थे। महिलाओं के जरिए पुरुषों को हनीट्रैप में फंसाते हैं और पैसा वसूली करते हैं। पीड़िताओं ने लेटर में लिखा है कि उन्होंने रैकेट के बारे में डीएसपी गीतिका को बताया था, लेकिन उन्होंने कहा कि साहब का सहयोग कीजिए, आपका ही भला होगा। वरना बहुत बुरा अंजाम भुगतना होगा। सुमित कुमार तक जब उनके रैकेट का भंडाफोड़ होने की बात पहुंची तो उन्होंने महिला पुलिसकर्मियों को प्रमोशन दिलाने का लालच देकर गलत फेवर मांगा। पदोन्नति और सैलरी बढ़ाने के लिए समझौता करने का ऑफर दिया। साथ ही महिला अधिकारी के जरिए दबाव बनाया। विरोध करने पर वार्षिक कार्य रिपोर्ट खराब करने की धमकी दी। उन्होंने कई उच्च अधिकारियों से सुमित कुमार की शिकायत की, लेकिन उन्हें कार्रवाई की बजाय नसीहत मिली कि सुमित कुमार को सहयोग करो। पीड़िताओं ने लेटर में लिखा है कि अगर सुमित कुमार के खिलाफ कार्रवाई न हुई तो वे सुसाइड कर लेंगी और इसकी जिम्मेदारी सुमित कुमार के साथ-साथ सरकार की भी होगी। लेटर पढ़ते ही पुलिस महानिरीक्षक शत्रुजीत कपूर को तलब करके सुमित के खिलाफ जांच व स्थानांतरण के आदेश जारी किए।
मुश्किल में काका
काका के नाम से मशहूर गुजरात भाजपा के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र पटेल मुश्किल में हैं। दो दशकों से अधिक समय तक पार्टी के कोषाध्यक्ष और गुजरात इकाई की कोर टीम के एक प्रमुख सदस्य के रूप में, काका को शायद ही कभी चुनावों का सामना करना पड़ा हो, उन्होंने राज्यसभा सदस्य के रूप में कार्य किया है। लेकिन अब पार्टी ने उन्हें एक सहकारी बैंक के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने का काम सौंपा है। यह कदम बैंक में अनियमितताओं के आरोपों से उपजा है, जिसके कारण एक प्रतिद्वंद्वी पार्टी नेता के बेटे ने अपना नामांकन दाखिल किया है। सहकारी क्षेत्र में हाल की परेशानियों से सतर्क भाजपा काका को अपना इक्का मान रही है। पार्टी नेताओं का मानना है कि उनके मैदान में उतरने के बाद उनकी प्रतिष्ठा विरोधियों को चुनाव लड़ने से रोकेगी।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और देश की कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में इनके स्तंभ प्रकाशित होते हैं।)