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‘अस्त होगा मोदी युग!’ …देश को बड़ा संदेश देगा महाराष्ट्र …शरद पवार की भविष्यवाणी

सामना संवाददाता / मुंबई
‘इंडिया’ गठबंधन की पहली बैठक बिहार में हुई। इस बैठक में नीतीश कुमार ने प्रमुख भूमिका निभाई थी। भाजपा के खिलाफ एक मजबूत विकल्प तैयार करने की जरूरत क्यों है? इस पर नीतीश कुमार ने शानदार भाषण दिया था। ऐसे लोगों के साथ मोदी आज सरकार चला रहे हैं। ऐसे में महायुति महाराष्ट्र में सत्ता में नहीं आ रही है। साथ ही सत्ता का संचालन हमारे पास आएगा। इसलिए देश में यह संदेश जाएगा कि देश में मोदी युग अस्त हो रहा है इस तरह की भविष्यवाणी राकांपा (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने कल की।
महाराष्ट्र में इस तरह की चर्चा जोरों पर है कि विधानसभा चुनाव के नतीजे राष्ट्रीय राजनीति पर बड़ा असर डालेंगे। इसी पृष्ठभूमि में शरद पवार ने दिए एक इंटरव्यू में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा और उसके सहयोगियों की हार लगभग तय है। अगर वे चुनाव हार गए तो पूरे देश में संदेश जाएगा। हालांकि देश की सरकार प्रधानमंत्री मोदी चला रहे हैं। लेकिन आंध्र प्रदेश के चंद्रबाबू नायडू और बिहार के नीतीश कुमार से मदद मांगने की नौबत उन पर आई। ये दोनों नेता एक समय भाजपा की राजनीतिक नीतियों की आलोचना कर रहे थे। शरद पवार ने कहा कि महाविकास आघाड़ी वास्तव में कितनी सीटें जीतेगी, यह नहीं कह सकते। हालांकि हमने लोकसभा चुनाव में ४८ में से ३१ सीटें जीतीं और उन्हें १७ सीटें मिलीं तब भी एक अंडरकरंट था और मैं अब भी एक अंडरकरंट देख रहा हूं। लोग बदलाव चाहते हैं। इसलिए महायुति की रणनीति पैसे से इसका मुकाबला करने की है। हमें देखना होगा कि इसका कितना असर होगा। मुझे लगता है कि पैसे के इस्तेमाल का ज्यादा असर नहीं होगा। मेरे पास इसका एक उदाहरण है। लोकसभा चुनाव के दौरान बारामती की एक तहसील में आधी रात को लोगों को पैसे बांटे गए। हमें चिंता थी कि इसका असर चुनाव पर पड़ेगा, लेकिन उस तहसील में हमें उनसे ज्यादा वोट मिले। इससे यह साबित हो गया कि लोगों ने पैसे तो लिए, लेकिन वोट उसी को दिया जिसे वे वोट देना चाहते थे।
‘अडानी को लेकर अजीत पवार का दावा झूठा’
शरद पवार ने कहा कि किसे मुख्यमंत्री बनाना है? महाराष्ट्र में आज तक किसी राजनीतिक दल को कोई भी डिक्टेट नहीं कर सकता है। वे (गौतम अडानी) किसी काम से आए होंगे, मिले होंगे। बहरहाल, सीएम कौन? और सरकार किसकी? महाराष्ट्र में यह निर्णय लेने की ताकत अगर किसी के पास है तो वो जनता और राजनीतिक दल को है। किसी भी उद्योगपति के पास न कभी ऐसी ताकत थी और न कभी होगी।

ओबीसी को रोकने के लिए है 
`बंटेंगे तो कटेंगे का नारा’
शरद पवार ने कहा कि मोदी प्रधानमंत्री हैं। हमारे देश को समाज में विभाजनकारी, दुष्प्रचार, नफरत भरी भाषा से दूर रहना चाहिए और यह एक प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी है। अपनी राजनीतिक नीति को लोगों के सामने रखना गलत नहीं है, विरोधियों की आलोचना करना गलत नहीं है। लेकिन ऐसी भाषा का प्रयोग करना उचित नहीं है जिससे समाज में विभाजन की भावना पैदा हो। मोदी ने जो यह नया चलन शुरू किया है, उसके पीछे का कारण जागृत ओबीसी समाज है। यह समाज अपना अधिकार मांग रहा है।

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