लोगों में कमर दर्द और फैक्चर की बढ़ी समस्याएं
ड्राइवरों को दी जा रही है स्ट्रेचिंग करने की सलाह
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में सड़कों पर पड़े गड्ढों को पाटने के लिए घाती सरकार के इशारों पर हजारों करोड़ रुपए खर्च किए गए, लेकिन अभी भी शहर में सड़कें गड्ढामुक्त नहीं हो सकी हैं। हालांकि, विपक्ष गड्ढों को पाटने को लेकर कई तरह का सवाल उठाता रहा है। फिलहाल, गड्ढों की मरम्मत में किए गए घातियों के कथित घोटाला ने मुंबईकरों की कमर को तोड़ने लगा है। मुंबई में मौजूदा समय में गड्ढे युवाओं में कमर दर्द और प्रैâक्चर की दिक्कतों को बढ़ा रहे हैं। इस बीच चिकित्सकों ने भी सलाह दी है कि ड्राइवर इन दिक्कतों से बचने के लिए स्ट्रेचिंग करते रहें। उल्लेखनीय है कि मुंबई में वाहन चालकों को गड्ढे इस कदर झटके दे रहे हैं कि उनकी रीढ़ की हड्डी सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही है। फ्रोजन शोल्डर और जोड़ों में दर्द जैसे विकारों से जूझ रहे लोगों को अधिक परेशानी हो रही है। वाहन, विशेषकर दोपहिया चालकों में यह विकार तेजी से बढ़ गया है। चिकित्सकों के मुताबिक नसों पर दबाव पड़ने और मांसपेशियों में खिंचाव होने से यह अधिक दर्दनाक हो जाता है। ऐसे में दवाइयों के साथ व्यायाम करने से भी कोई फायदा नहीं होता है। हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. विलास सालवी ने कहा कि गड्ढों में पानी जमा होने से उनकी गहराई का अंदाजा न होने अथवा स्पीड ब्रेकर का अंदाजा न होने के कारण भी झटके शरीर पर दीर्घकालिक प्रभाव डालते हैं। २०-५५ वर्ष की आयु के बीच के कई मोटरसाइकिल चालक पुरानी पीठ दर्द, गर्दन और स्लिप्ड डिस्क से पीड़ित हो सकते हैं। कुछ को प्रैâक्चर भी हो सकता है।