मुंबई की यातायात व्यवस्था में बन रहे बाधा
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई की सड़कों पर हर दिन बढ़ती भीड़ और यातायात जाम से नागरिक परेशान हैं। इसी समस्या के एक अहम कारण के रूप में सामने आ रहे हैं बिना अनुमति के स्थापित किए गए टैक्सी स्टैंड। नियमों के अनुसार, किसी भी बस स्टैंड के २०० मीटर के दायरे में टैक्सी स्टैंड नहीं होना चाहिए। बावजूद इसके मुंबई के कई इलाकों में ऐसे टैक्सी स्टैंड दिखाई देते हैं, जो बिना आवश्यक अनुमति के संचालित हो रहे हैं।
क्या है टैक्सी स्टैंड के नियम
टैक्सी स्टैंड की स्थापना के लिए एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया है। इसके तहत बृहन्मुंबई महानगरपालिका (मुंबई), ट्रैफिक पुलिस और क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) से अनुमति प्राप्त करना आवश्यक होता है। तीनों विभागों की अनुमति मिलने के बाद ही किसी टैक्सी स्टैंड को कानूनी मान्यता मिलती है। फिर भी शहर के विभिन्न हिस्सों में अनधिकृत टैक्सी स्टैंड संचालित होते देखे जा सकते हैं, जो न केवल यातायात में बाधा उत्पन्न करते हैं, बल्कि कई बार दुर्घटनाओं का कारण भी बनते हैं।
बिना अनुमति वाले टैक्सी स्टैंडों के कारण मुख्य मार्गों पर वाहनों की भीड़ जमा हो जाती है, जिससे यातायात की गति धीमी हो जाती है। लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में देरी होती है और मानवीय घंटे का नुकसान होता है। विशेष रूप से, व्यस्त समय में इन स्टैंडों के कारण राहगीरों और दैनिक यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। बता दें कि महालक्ष्मी स्टेशन (पश्चिम) की तरफ आरओबी पर अनधिकृत टैक्सी स्टैंडों का संचालन बेरोकटोक जारी रहता है, जो यातायात नियंत्रण में बाधा डालता है और शहर की सड़कों पर अनियंत्रित भीड़ का कारण बन रहा है।
इस बारे में एक आरटीओ अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बारे में छानबीन कर सभी अवैध टैक्सी स्टैंडों को बंद किए जाएंगे। रोजाना बांद्रा से फोर्ट की यात्रा करनेवाले सुमित नाइक ने बताया कि यह आवश्यक है कि मुंबई, ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ इन स्टैंडों के खिलाफ ठोस कदम उठाए और इस तरह की अनियमितताओं को रोके।