सामना संवाददाता / मुंबई
विधानसभा चुनाव में महायुति के उम्मीदवारों के प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ सभा की। इस सभा को लेकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता और नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ शहर के विकास का ढिंढोरा पीटकर झूठी घोषणाओं की बारिश की है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले साल मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम दिवस के अमृतमहोत्सव वर्ष के मौके पर कैबिनेट की बैठक हुई थी। इस बैठक में मराठवाड़ा के विकास के लिए ४६ हजार करोड़ रुपए का एलान किया गया। इसके साथ ही यह भी घोषणा की गई कि मराठवाड़ा में वाटर ग्रिड लाएंगे लेकिन डेढ़ साल में एक रुपए का भी फंड उपलब्ध नहीं कराया गया। महाविकास आघाड़ी के दौरान मनपा के माध्यम से शहर के लिए एक नई जल आपूर्ति योजना को मंजूरी दी गई थी। १,६८० करोड़ रुपए की यह योजना तब शुरू की गई थी जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे। चूंकि मनपा योजना के लिए अपना हिस्सा नहीं चुका सकी, इसलिए हमने राज्य सरकार के माध्यम से इसका भुगतान करने की तैयारी व्यक्त की थी। लेकिन महाविकास आघाड़ी की सरकार गिर गई। परिणाम स्वरूप महायुति सरकार सत्ता में आई। परिणाम स्वरूप पिछले ढाई साल से इस योजना के काम अटका हुआ है। दानवे ने आलोचना करते हुए कहा कि इसके लिए पूरी तरह से राज्य सरकार जिम्मेदार है।
७ हजार २७४ किसानों ने आत्महत्या की
शिंदे और भाजपा सरकार के ढाई साल के दौरान मराठवाड़ा के ७ हजार २७४ किसानों ने कर्ज के कारण आत्महत्या की। इन किसानों को किसी तरह की मदद नहीं मिली। न फसल बीमा मिला, न मुआवजा और न ही फसल नुकसान का अनुदान मिला। इसीलिए मजबूर होकर किसानों ने आत्महत्या की।