सामना संवाददाता / जौनपुर
रुपए के लालच में एक महिला ने अपनी ही बेटी के नवजात बच्चे को बंगाल के हावड़ा निवासी दंपति ओम कुमार गुप्ता और पूनम गुप्ता को तीन लाख रुपए में बेच दिया। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने नवजात को बरामद कर उसकी मां सहित छह आरोपितों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से 2.59 लाख रुपए भी बरामद हुए हैं। सीओ केराकत अजीत कुमार गर्डर रजक ने बताया कि आरोपित दंपति थे। जिसकी संतान नहीं है। पत्नी की जिद पर और ओम गुप्ता ने बिचौलिए गोरखनाथ चौबे से बात की और नानी से सौदा कर बच्चा खरीदा था।
भदोही के डिघवट निवासी कविता कंट्रोल ने गत 11 नवंबर को पुलिस को दिए प्रार्थना पत्र में बताया था कि पति सोनू प्रजापति गुजरात के सूरत में काम करता है। प्रसव के लिए वह अपनी मां शांति देवी के पास जौनपुर के जलालपुर के धरांव गांव आई थी।
25 अक्टूबर को जौनपुर के प्रताप अस्पताल में आपरेशन से पुत्र पैदा हुआ। धरांव के एक अस्पताल में दाई रह चुकी इंद्रिका सिंह धौरहरा गांव की आशा बहू सीता पांडेय को लेकर उससे मिलने आई। सीता ने शांति देवी को बहला-फुसलाकर हावड़ा के नक्सर पाड़ा रोड घुसुड़ी निवासी अपने जीजा गोरखनाथ चौबे के माध्यम से नवजात बच्चे का तीन लाख रुपए में सौदा कर दिया। गोरखनाथ मूल रूप से बदलापुर के शाहपुर का रहने वाला है। उधर कविता ने अपने बच्चे के बारे में पूछा तो शांति देवी ने बताया कि बीमार होने के कारण उसे दूसरे अस्पताल के आइसीयू में भर्ती कराया है।
30 अक्टूबर को अस्पताल से छूटने पर कविता मायके आई और बार- बार बच्चे के बार में पूछने लगी तो शांति देवी ने बताया कि वह मर गया है। शव दिखाने की जिद पर बताया कि बच्चा तीन लाख में बेच दिया है और उसे 1.70 लाख रुपए मिले हैं। शेष रुपया इंद्रिका व सीता ने ले लिया है। पुलिस टीम हावड़ा गई और बेलीलियस रोड निवासी ओम गुप्ता के घर पहुंची। भनक लगने पर ओम भागने में सफल रहा, लेकिन उसकी पत्नी पूनम और बच्चा घर मिल गए। पुलिस ने शांति देवी, इंद्रिका, सीता, गोरखनाथ, पूनम और कोलकाता के फकीरचंद मित्र स्ट्रीट निवासी हेमंती साह को गिरफ्तार किया।