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भाजपा व शिंदे गुट की सभाओं में हूटिंग सुना रही है महायुति के हारने की दास्तां! … दर्जनों ठिकानों पर जनता ने खुलकर किया विरोध

– कहीं कुर्सियां फेंकी गईं तो कहीं जूतम-पैजार
रामदिनेश यादव / मुंबई
इस बार विधानसभा चुनाव से पहले सीटों के बंटवारे को लेकर महायुति में जमकर आरोप-प्रत्यारोप हुए और अब चुनाव में भी उनके बीच बात नहीं बनी। इतना ही नहीं, जनता ने खुलकर उनका विरोध किया। कई सभाओं में शिंदे गुट और भाजपा गुट में हंगामा हुआ, अमरावती में तो सभा के बीच ही जनता ने महायुति के प्रत्याशी का विरोध कर नारेबाजी की और कुर्सियां फेंकी। वो उत्पात मचाया गया कि पुलिस के हस्तक्षेप के बाद भी मामला शांत नहीं हुआ। इससे पहले सोलापुर में सीएम शिंदे की सभा में पथराव, धारावी और जोगेश्वरी में शिंदे गुट के लोगों की पिटाई ने यह साफ कर दिया है कि जनता भाजपा, एकनाथ शिंदे और अजीत पवार की महायुति के पक्ष में नहीं बल्कि विरोध में खड़ी है।
कल अभिनेत्री व पूर्व सांसद नवनीत राणा अमरावती के दरियापुर में भाजपा के उम्मीदवार रमेश बुंदिले के लिए प्रचार कर रही थीं, अचानक रात को १० बजे इस सभा में हंगामा शुरू हुआ। पुलिस के अनुसार, राणा ने जब बोलना शुरू किया तो हूटिंग और नारेबाजी शुरू हो गई। भाषण के बीच कुर्सियां फेंकी गर्इं। शिंदे गुट के लोगों ने जब विरोध किया तो भाजपाइयों ने भी नारेबाजी की। बाद में दोनों गुटों के बीच हाथापाई हो गई। पत्थर फेंके गए। इस सभा से एक दिन पहले सोलापुर के बारसी में भी सीएम एकनाथ शिंदे की सभा में ही महायुति के नाराज कार्यकर्ताओं ने पथराव किया। यहां तो शिंदे को बोलकर लोगों को शांत कराना पड़ा। उसके एक दिन पहले धारावी में कांग्रेसियों ने शिंदे गुट के नेताओं की पिटाई कर दी। धारावी में दोनों गुट के बीच प्रचार यात्रा के दौरान टकराव हो गया। शिंदे गुट के लोगों को चोट आई। कुछ दिनों पहले जोगेश्वरी में भी शिंदे गुट के लोगों की शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के कार्यकर्ताओं ने जमकर पिटाई की। दोनों के बीच जमकर लाठियां चलीं। कई घायल भी हुए। मातोश्री क्लब के पास हुई इस लड़ाई में शिंदे गुट के लोगों को ज्यादा चोटें आर्इं। मामले को लेकर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई। ये तो सभी बड़े मामले हैं, इसके अलावा दर्जनों मामले हैं, जो दबा दिए गए। शिंदे गुट और भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच भिड़ंत, सभाओं में हूटिंग आदि से साफ लग रहा है कि महायुति का इस चुनाव में क्या हश्र होने वाला है। महायुति का भविष्य साफ नजर आ रहा है।

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