सामना संवाददाता / मुंबई
पुरानी कहावत है कि जंग और प्यार में सब कुछ जायज है, लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव में काले जादू का प्रयोग किया गया। इसका एक जीता जागता है उदाहरण रायगढ़ जिले के महाड विधानसभा क्षेत्र में देखने को मिला है। जहां मतदान प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही मतदान केंद्र के सामने तीन मटके, जिनके मुंह काले और लाल कपड़े से बंधे थे, उस पर काटे हुए नीबू और सिंदूर छिड़का हुआ मिला। सुबह-सुबह जब मतदाता मतदान के लिए निकले तो उसे देखकर अचंभित और भयभीत हो गए। माना जा रहा है कि यह काला जादू किसी प्रत्याशी की ओर से जीत हासिल करने के लिए किया गया है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, इस काले जादू की शंका एकनाथ शिंदे गुट के प्रत्याशी भरत गोगावले पर जताई जा रही है। महाड के पास बिरवाड़ी शहर के मुख्य चौराहे पर एक सड़क के बीचोंबीच तीन मटके और नारियल रखे हुए मिले। इन मटकों का मुंह लाल और काले कपड़े से ढका हुआ था और नीचे नारियल और नींबू रखा गया था। इसे देखकर स्थानीय लोग इसे भानमती या जादू-टोने का मामला मान रहे थे। इस घटना से ग्रामवासियों के बीच डर और गुस्से का माहौल था। माना जा रहा है कि मतदान को प्रभावित करने के उद्देश्य से किसी ने इस प्रकार का जादू-टोना किया होगा। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर इन मटकों को हटाकर नष्ट कर दिया। ज्यादातर राजनीतिज्ञ और नेता अपने कर्म की बजाय ज्योतिष और कर्मकांड पर भरोसा करते हैं। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव में यह खुलकर दिख रहा है।
महाड में शिवसेना के दो गुटों में टक्कर
इस बार महाड विधानसभा क्षेत्र में शिंदे गुट के भरत गोगावले और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की स्नेहल जगताप के बीच लड़ाई है। भरत गोगावले शिंदे गुट के नेता और एसटी महामंडल के अध्यक्ष हैं, उन्होंने इस क्षेत्र से लगातार तीन बार जीत हासिल की है, लेकिन इस बार मतदाता उनसे पीछा छुड़ाते नजर आए।