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उजागर हो रहा पाप का सौदा…झांसी मेडिकल कॉलेज में मरने वाले बच्चों की संख्या हुई 14!

मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ

झांसी मेडिकल कॉलेज की एसएनसीयू में आग से झुलसकर हुई नवजातों की मौत की संख्या 14 हो गयी। बुधवार को दो और बच्चों ने दम तोड़ दिया। इन दोनों की मासूमों को अग्निकांड के दौरान रेस्क्यू के दौरान बचाया गया था। सूत्रों की मानें तो विद्युत सुरक्षा विभाग ने जून की ऑडिट रिपोर्ट में अनहोनी की आशंका जताकर खामियां जल्द दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे। ऑडिट में कई जगह प्रतिबंधित एल्युमिनियम तार मिले। कई जगह कॉपर वायर के इंसुलेशन कमजोर मिले। पैनल भी मानक के अनुसार नहीं मिले। ट्रांसफार्मरों से लेकर वार्ड, ओपीडी आदि कई खामियां मिली थीं। यह रिपोर्ट जिला प्रशासन के साथ-साथ कॉलेज प्राचार्य को भी भेजी गई, मगर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया।
मेडिकल कॉलेज की एसएनसीयू (स्पेशल न्यूबोर्न केयर यूनिट) में शुक्रवार की रात करीब साढ़े 10 बजे शॉर्ट सर्किट हुआ, जिससे एक्सटेंशन कॉर्ड में आग लगी। बुझाने से पहले ही आग नजदीक के वेंटिलेटर तक पहुंच गई। कुछ ही देर में आग विकराल हो गई और 10 नवजात शिशुओं की जलकर मौत हो गई।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि फरवरी में सेफ्टी ऑडिट हुई थी और जून में मॉकड्रिल, इसलिए आग लगने का पता लगाकर यदि कोई दोषी पाया गया तो कार्रवाई होगी। अब सामने आया है कि जिलाधिकारी के निर्देश पर चीफ फायर ऑफिसर और सहायक निदेशक विद्युत सुरक्षा ने मेडिकल कॉलेज की अग्नि सुरक्षा ऑडिट की, जिसमें तमाम खामियां मिलीं। दोनों अधिकारियों ने इसकी रिपोर्ट सौंपी।
सहायक निदेशक विद्युत सुरक्षा ने दो पेज की रिपोर्ट में बताया कि कई जगह पर प्रतिबंधित एल्युमिनियम के तार लगे हुए हैं। कई जगह कॉपर के वायर की इंसुलेशन खराब है। ट्रांसफार्मर से लेकर पैनल तक और वॉर्ड से ओपीडी तक कई खामियां हैं। रिपोर्ट में जल्द खामियां सुधारने की बात कहते हुए अनहोनी की आशंका भी जताई गई। हैरानी की बात है कि कॉलेज प्रशासन ने ऑडिट रिपोर्ट को गंभीरता से नहीं लिया, जिससे 14 नवजातों की जान चली गई।

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