सामना संवाददाता / मुंबई
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी कल अपने घर के पास बने मतदान केंद्र पर गए और अपने परिवार के साथ मतदान किया। इसके बाद वे बूथ पर गए और पदाधिकारियों के साथ ही कार्यकर्ताओं से बातचीत कर बूथ का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान पाया कि कई मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में नहीं थे और लोग परेशान होकर लौट रहे थे। इस पर नितिन गडकरी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि चुनाव आयोग का ये सिस्टम सही नहीं है। सिस्टम फुलप्रूफ रहना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि पिछले लोकसभा चुनाव में नागपुर में सिर्फ ५४ फीसदी वोटिंग हुई थी, यानी नागपुर के ४६ फीसदी नागरिकों ने वोट देने का अपना कर्तव्य नहीं निभाया। यह सुनकर कोई भी सोचेगा कि नागपुरकर कितने गैरजिम्मेदार हैं, लेकिन नागपुर में कम मतदान के पीछे मतदाताओं की उदासीनता ही एकमात्र कारण नहीं थी, बल्कि माना गया कि मतदाता सूचियों में भारी गड़बड़ी, राजनीतिक दलों की उपेक्षा और प्रशासनिक भूलों के लिए भी कई कारण जिम्मेदार थे।
इस बीच विधानसभा चुनाव में स्थिति बेहतर होने की उम्मीद थी, लेकिन तस्वीर ये है कि वोटर लिस्ट में अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इसी को लेकर कांग्रेस के नितिन राऊत के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा है कि चुनाव आयोग का सिस्टम सही नहीं है।
भाजपा के इशारे पर काम कर रही पुलिस
नागपुर में कुछ मतदान केंद्रों पर ईवीएम की खराबी के कारण ढाई घंटे तक मतदान रोका गया। कांग्रेस नेता नितिन राऊत ने मांग की है कि मतदान केंद्र पर समय को शाम ६ बजे के बाद बढ़ाया जाना चाहिए। इतना ही नहीं उन्होंने नागपुर पुलिस पर अत्याचार का आरोप लगाते हुए कहा कि वह भाजपा उम्मीदवार के इशारे पर काम कर रही है।