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दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट रपटी!

सामना संवाददाता / मुंबई

देश की जीडीपी रेट रपट रही है। चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में यह ६.७ फीसदी थी। अब दूसरी तिमाही में इसके घटकर ६.५ फीसदी रहने का अनुमान है।
मिली जानकारी के अनुसार, भारी बारिश और कमजोर कॉर्पोरेट प्रदर्शन के कारण जुलाई-सितंबर तिमाही में हिंदुस्थान की वास्तविक जीडीपी ग्रोथ रेट घटकर ६.५ प्रतिशत रहने के आसार हैं। घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा ने हालांकि वित्त वर्ष २०२४-२५ की दूसरी छमाही (अक्टूबर २०२४-मार्च २०२५) में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद के बीच समूचे वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर का अनुमान ७ प्रतिशत पर बरकरार रखा है। यह अनुमान और टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब शहरी मांग में कमी जैसे अनेक कारकों के कारण वृद्धि में मंदी की चिंताएं हैं। बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष २०२४-२५ के लिए आर्थिक वृद्धि दर ७.२ प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जो २०२३-२४ के ८.२ प्रतिशत से कम है। दूसरी तिमाही की आर्थिक गतिविधि के आधिकारिक आंकड़े ३० नवंबर को जारी होने की उम्मीद है। पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में जीडीपी वृद्धि ६.७ प्रतिशत रही थी। इक्रा ने कहा कि दूसरी तिमाही में गिरावट भारी बारिश और कमजोर कॉर्पोरेट प्रदर्शन जैसे कारकों के कारण होगी। उसने कहा, ‘हालांकि सरकारी व्यय और खरीफ की बुवाई से सकारात्मक रुझान हैं, लेकिन औद्योगिक क्षेत्र खासकर खनन तथा बिजली में मंदी आने के आसार हैं।’ रेटिंग एजेंसी की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘वित्त वर्ष २०२४-२५ की दूसरी तिमाही में आम चुनाव के बाद पूंजीगत व्यय में वृद्धि के साथ-साथ प्रमुख खरीफ फसलों की बुवाई में भी अच्छी वृद्धि देखी गई। भारी वर्षा के कारण कई क्षेत्रों को प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा, जिससे खनन गतिविधि, बिजली की मांग और खुदरा ग्राहकों की संख्या प्रभावित हुई और व्यापारिक निर्यात में भी कमी आई।’

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