मुख्यपृष्ठसमाज-संस्कृतिकेदार कश्यप के मुंह में राम, बगल में छुरी

केदार कश्यप के मुंह में राम, बगल में छुरी

-सोसल मीडिया में वक्फ बोर्ड से नफरत, असल में वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष का स्वागत मंत्री केदार कश्यप का यह कैसा दो रीति नीति?- शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)

सामना संवाददाता / जगदलपुर

छत्तीसगढ़ में भाजपा के वरिष्ठ नेता, कैबिनेट मंत्री और बस्तर अंचल में बड़े आदिवासी नेता माने-जाने वाले केदार कश्यप ने अपने सोसल मीडिया पोस्ट में वक्फ बोर्ड के नाम का उल्लेख करते हुए मुसलमानों पर निशाना साधा है।
उन्होंने अपने फेसबुक सोसल मीडिया पेज में लिखा है कि कांग्रेस है तो वक्फ बोर्ड सेफ है। जिस पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के वरिष्ठ नेता व जिला अध्यक्ष अरुण कुमार पांडेय ने निशाना साधते हुए कहा है कि बाटेंगे काटेंगे का नारा उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में फैलाव होने के बाद उसे छत्तीसगढ़ में इस्तेमाल करके धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास कऱ रहे हैं, जबकि मंत्री केदार कश्यप के फोटो लगे हुए हजारों बैनर-पोस्टर जगदलपुर में लगाए गए हैं, जिसमें भाजपा द्वारा वक्फ बोर्ड के नव नियुक्त अध्यक्ष के नगर आगमन पर स्वागत किया जा रहा है।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के जिला अध्यक्ष अरुण पांडेय ने इसी बात पर मंत्री केदार कश्यप से सीधा सवाल किया है कि ऐसी दो नीति से जनता में समाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश वे क्यों कर रहे हैं?
अगर मंत्री केदार कश्यप और भाजपा के लोगों को वक्फ बोर्ड या मुसलमानों से नफरत है, तो उनके अध्यक्ष का स्वागत क्यों किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दरअसल भाजपा के द्वारा लोगों को इसी प्रकार दो नीति का इस्तेमाल करके भोलेभाले युवाओं को बरगलाने का काम किया जाता है, ताकि वे हिंदू-मुस्लिम में फंसे रहे और इनका वोटबैंक तैयार होते रहे।
शिवसेना के जिला अध्यक्ष ने कहा है कि भाजपा नेता और मंत्री केदार कश्यप को यह बताना होगा कि उन्हें वक्फ बोर्ड और मुसलमानों से नफरत क्यों है? और अगर उन्हें या उनकी पार्टी को मुसलमानो से नफरत है तो अपने पार्टी से मुसलमानों को कब बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं।

अन्य समाचार