एम एम सिंह
एक बहुत पुरानी कहावत है कि इंसान को सोच-समझकर बोलना चाहिए। कुछ भी बोलने से पहले एक बार नहीं सौ बार सोचना चाहिए क्योंकि जैसे कमान से निकला हुआ तीर वापस नहीं आता, वैसे ही जुबान से निकली हुई बात को बेअसर नहीं किया जा सकता। शायद माली के प्राइम मिनिस्टर चोगुएल मैगा को यह बात पता नहीं थी या पता भी थी तो वह शायद इसे भूल गए थे। उनकी जुबान फिसली और उनका पीएम पद भी फिसल गया। माली एक पश्चिम अप्रâीकी देश है, वहां प्राइम मिनिस्टर को आलोचना करना भारी पड़ गया। मसला इस कदर बढ़ा कि पीएम को उनके पद से हटा दिया गया।
खबर है कि माली के पीएम चोगुएल मैगा पर देश के मिलिट्री रूल की निंदा करने का आरोप लगा था। इसके बाद उनको बर्खास्त कर दिया गया। माली के मिलिट्री लीडर कर्नल असिमी गोइता ने इस संबंध में प्रेसिडेंट को आदेश जारी किया। प्रेसिडेंट का आदेश सरकारी टेलीविजन चैनल ‘ओआरटीएम’ पर पढ़ा गया। वर्ष २०२० में मिलिट्री ‘जुंटा’ द्वारा सत्ता पर कब्जा किए जाने और उसके अगले वर्ष एक और तख्तापलट करने के बाद से माली पर मिलिट्री लीडर्स का शासन है।
जून २०२२ में ‘जुंटा’ ने मार्च २०२४ तक नागरिक शासन की बहाली का वादा किया था, लेकिन बाद में चुनाव स्थगित कर दिए। प्रेसिडेंट इलेक्शन के लिए अभी कोई तारीख तय नहीं की गई है। मैगा को मिलिट्री ने दो साल के लिए प्राइम मिनिस्टर नियुक्त किया था। उन्होंने शनिवार को अपने समर्थकों की एक रैली में उन्हें सूचित किए बिना चुनाव स्थगित करने का आरोप ‘जुंटा’ पर लगाया था। मैगा के बयान के जवाब में ‘जुंटा’ ने उनके खिलाफ प्रदर्शन आयोजित किए। माली अपने नए पीएम के नाम का इंतजार कर रहा है और एक्स पीएम क्या सोच रहे होंगे बेशक आप अंदाजा लगा ही सकते हैं! क्योंकि शुरुआत में हम काफी कुछ लिख चुके हैं और आप पढ़ चुके हैं हमेशा याद रखिएगा… आमीन!