सामना संवाददाता / मुंबई
अडानी ग्रुप के लिए कल गुरुवार का दिन बेहद खराब रहा। रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप में अमेरिकी कोर्ट से वारंट जारी होने के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर धड़ाम हो गए। दूसरी तरफ क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ‘मूडीज’ ने भी अडानी का मूड खराब करते हुए इसे ‘क्रेडिट निगेटिव’ बताया है। ऐसे में बाजार में इस कंपनी की साख को काफी धक्का लगा है।
बता दें कि मूडीज रेटिंग्स ने गुरुवार को कहा कि रिश्वतखोरी के आरोपों में अडानी ग्रुप के चेयरमैन और अन्य अधिकारियों पर अभियोग ग्रुप की कंपनियों के लिए ‘क्रेडिट नेगेटिव’ है। किसी कंपनी की ‘क्रेडिट नेगेटिव’ का मतलब है कि उस कंपनी की वित्तीय स्थिति, कर्ज चुकाने की क्षमता या उसके क्रेडिट प्रोफाइल में कुछ कमजोरियां देखी गई हैं, जो उसके कर्जदाताओं के लिए जोखिम बढ़ा सकती हैं। यह संकेत देता है कि कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य में गिरावट की संभावना है। जानकार बताते हैं कि
कंपनी पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। कंपनी को उधार लेने के लिए उच्च ब्याज दर चुकानी पड़ सकती है। इसके साथ ही निवेशक कंपनी में निवेश करने से हिचकिचा सकते हैं। अगर स्थिति नहीं सुधरी, तो क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां कंपनी की रेटिंग को घटा सकती हैं। यह स्थिति कई कारणों से हो सकती है, जैसे कि कंपनी के राजस्व में गिरावट, कर्ज का अत्यधिक बढ़ना, संचालन में नुकसान, बाजार या आर्थिक स्थिति में बदलाव। ‘क्रेडिट नेगेटिव’ का मतलब हमेशा यह नहीं होता कि कंपनी दिवालिया हो जाएगी, लेकिन यह चेतावनी है कि वित्तीय जोखिम बढ़ रहा है। कल सुबह अडानी ग्रुप के तीन कंपनियों के शेयरों में २० फीसदी की गिरावट आई। बाजार के मुताबिक, अडानी ग्रुप की सभी ११ कंपनियों के शेयरों का कुल मार्केट कैप लगभग २ लाख करोड़ रुपए घटकर १२.३ लाख करोड़ रुपए रह गया। यह साल २०२३ की शुरुआत में हिंडनबर्ग रिसर्च कर रिपोर्ट के बाद से ग्रुप का सबसे खराब कारोबारी दिन रहा।