– २९ माह में १,०५६ की हुई जांच
– ११९ हुए दोनों रोगों के शिकार
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में बड़ी संख्या में लोग अपनी शारीरिक जरूरतों को पूरा करने के लिए ऑनलाइन डेटिंग ऐप का इस्तेमाल कर रहे है। इस ऐप पर न केवल जानलेवा बीमारी एचआईवी बिक रहा है, बल्कि गिफ्ट में एसटीडी यानी सेक्सुअल डिसऑर्डर डिजीज भी मिल रहा है। सूचना अधिकार के तहत मांगी गई एक जानकारी ने मुंबई डिस्ट्रिक्ट एड्स कंट्रोल सोसायटी ने २९ माह में १,०५६ डेटिंग ऐप यूजर्स की जांच हुई, जिसमें ११९ लोग एचआईवी और एसटीडी से पीड़ित पाए गए।
उल्लेखनीय है कि मुंबई डिस्ट्रिक्ट एड्स कंट्रोल सोसायटी ने विभिन्न एनजीओ और अन्य लोगों के माध्यम से शारीरिक इच्छाओं को पूरा करने के लिए व्हॉट्सऐप, इंस्ट्राग्राम, ग्रैंडडर, ब्लूड, प्लैनेट रोमियो, ट्रांस आईडी, टिंडर, फेसबुक आदि सोशल नेटवर्किंग साइट और डेटिंग ऐप का इस्तेमाल करने वाले लोगों को पहले प्रâेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं। उनके लिस्ट में शामिल होने के बाद वे सेक्स से संबंधित सभी जानकारियां लेते हैं और हाई रिस्क को देखते हुए एचआईवी टेस्ट की सलाह देते हैं। इनमें से अधिकांश लोग इस सुझाव को समझते हुए टेस्ट भी कराते हैं।
१,११५ से किया गया संपर्क
आरटीआई एक्टिविस्ट चेतन कोठारी ने कहा कि मुंबई डिस्ट्रिक्ट एड्स कंट्रोल सोसायटी से मांगी गई जानकारी में बताया गया है कि पिछले २९ महीनों में १,११५ लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर जांच कराने की सलाह दी गई थी। इनमें से साल २०२२ में २०० ने एचआईवी, १०४ ने एसटीडी, साल २०२३ में २१० ने एचआईवी, २४७ ने एसटीडी और साल २०२४ मई तक १३८ ने एचआईवी और १५७ ने एसटीडी की जांच कराई। कोठारी ने कहा कि आरटीआई में बताया गया है कि २९ महीनों में दोनों बीमारियों के कुल ११९ शिकार हुए हैं, जबकि इनमें से ९८ लोगों का इलाज चल रहा है।