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सोमवार से डीलर करेंगे कमर्शियल वाहनों का रजिस्ट्रेशन! …सुरक्षा मानकों पर सवाल, सड़क सुरक्षा को खतरा

अभिषेक कुमार पाठक / मुंबई
महाराष्ट्र में अब टूरिस्ट टैक्सी, ऑटोरिक्शा, पिकअप और टेंपो जैसे हल्के कॉमर्शियल वाहनों का रजिस्ट्रेशन ऑटोमोबाइल डीलरों द्वारा किया जाएगा। इस फैसले के तहत वाहन मालिकों को क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) जाने की आवश्यकता नहीं होगी। हालांकि, यह प्रक्रिया वाहन मालिकों और ट्रांसपोर्टरों के लिए राहत लेकर आई है, लेकिन परिवहन विभाग के अधिकारियों और विशेषज्ञों ने इसे लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं।
डीलरों को सौंपी गई जिम्मेदारी
राज्य सरकार के हालिया सर्कुलर के अनुसार, ७,५०० किलोग्राम से कम वजन वाले पूरी तरह निर्मित वाणिज्यिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन डीलरों द्वारा किया जाएगा। पहले यह काम आरटीओ कार्यालय में होता था, जहां वाहन की सुरक्षा सुविधाओं की गहन जांच की जाती थी। ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने बताया कि इसका ट्रायल शुरू है और सोमवार या मंगलवार से आम लोगों के लिए शुरू किया जाएगा।
आरटीओ अधिकारियों की आपत्तियां
परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि कॉमर्शियल वाहनों में पैनिक बटन, स्पीड गवर्नर, फास्टैग और जीपीएस जैसे उपकरण अनिवार्य हैं, जिनकी जांच अब डीलरों पर निर्भर होगी। एक वरिष्ठ आरटीओ अधिकारी ने कहा कि फिटनेस प्रमाणपत्र अनिवार्य है और इसकी जांच आरटीओ में पंजीकरण के समय की जाती है। यह तय नहीं है कि डीलर इस प्रक्रिया को गंभीरता से निभाएंगे या नहीं।
आरटीओ अधिकारियों ने चेतावनी दी कि इस कदम से सड़क पर असुरक्षित वाहनों की संख्या बढ़ सकती है। एक मोटर वाहन निरीक्षक ने उच्च सुरक्षा नंबर प्लेट (एचएसआरपी) का उदाहरण देते हुए कहा कि २०१९ से यह अनिवार्य है, फिर भी कई वाहन बिना एचएसआरपी के सड़कों पर हैं।’
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पर सवाल
आरटीओ अधिकारियों का कहना है कि अगर पंजीकरण का पूरा काम डीलरों को सौंप दिया गया है, तो पंजीकरण प्रमाणपत्र पर आरटीओ के हस्ताक्षर की आवश्यकता क्यों है। एक डिप्टी आरटीओ अधिकारी ने कहा कि अगर डीलर ही सबकुछ करेंगे, तो उन्हें ही पंजीकरण प्राधिकरण बना देना चाहिए। फिटनेस प्रमाणपत्र की जांच आरटीओ में ही होगी हालांकि, वाणिज्यिक वाहनों के फिटनेस प्रमाणपत्र का नवीनीकरण अब भी आरटीओ के माध्यम से ही किया जाएगा। अधिकारी इस पैâसले को सड़क सुरक्षा और यात्री सुरक्षा के लिए जोखिम भरा मानते हैं।

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