अनिल/पटना
बिहार के मिथिलांचल यानी दरभंगा से फिलहाल हर रोज दिल्ली की दो फ्लाइट के अलावा मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोलकाता की एक-एक फ्लाइट आती और जाती है।इस प्रकार दरभंगा एयरपोर्ट से इस समय कुल 12 विमानों का आवागमन निर्धारित है। नई दिल्ली से दरभंगा आने और लौटनेवाली दोनों फ्लाइट मंगलवार को रद्द कर दी गई। इस वजह से दिल्ली जाने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे यात्रियों को बैरंग लौटना पड़ा। मुंबई और कोलकाता की उड़ानें भी रद्द होने से यहां के लोग यात्रा नहीं कर सके। नई दिल्ली से सुबह 11.10 बजे दरभंगा पहुंचने वाली फ्लाइट रद्द होने से यात्रियों का गुस्सा फूट पड़ा।तब तक आस-पास के कई जिलों के यात्री दरभंगा एयरपोर्ट पहुंच चुके थे।मुंबई और कोलकाता के अलावा नई दिल्ली की शाम की फ्लाइट भी रद्द होने की जानकारी मिलने पर यात्रियों का रोष बढ़ गया।फ्लाइट रद्द होने से एयरपोर्ट पर यात्री हंगामा करते देखे गये।तब एयरलाइंस स्टाफ ने उन्हें समझा-बुझाकर शांत कराया।
उत्तर बिहार के दरभंगा एयरपोर्ट पर दूर दराज इलाके से यात्री हवाई जहाज पकड़ने दरभंगा आते हैं। सोमवार को भी मुंबई से कई घंटे विलंब से फ्लाइट दरभंगा पहुंची थी। नई दिल्ली से आनेवाली दोनों फ्लाइट को वाराणसी डायवर्ट कर दिया गया था।इनमें एक फ्लाइट बाद में दरभंगा आई थी। दूसरी फ्लाइट को वाराणसी से ही लौटा दिया गया। इस संबंध में एयरलाइंस के स्टाफ की ओर से कहा जाता है कि फ्लाइट रद्द होने की सूचना यात्रियों को कई घंटे पूर्व ही दे दी जाती है। हालांकि कई यात्रियों को एयरपोर्ट के लिए निकलने के बाद यह सूचना प्राप्त होती है।दरभंगा एयरपोर्ट से केवल दरभंगा के यात्री सफर नहीं करते हैं। बल्कि शिवहर से सुपौल तक कई जिलों के यात्री पहुंचते हैं। इतना ही नहीं पड़ोसी देश नेपाल से भी कुछ लोग दरभंगा एयरपोर्ट से जहाज पकड़कर भारत के कई जगहों पर आते-जाते हैं।दिल्ली जाने के लिए सुबह की फ्लाइट पकड़ने दूर-दराज जिलों से काफी संख्या में यात्री एक दिन पूर्व ही यहां पहुंच जाते हैं। शादी ब्याह के लगन का मौसम रहने की वजह से कई लोग विवाह में शामिल होने के लिए टिकट बुक कराते हैं। फ्लाइट रद्द होने से काफी परेशानी बढ़ जाती है।
बिहार में ठंड के कारण उत्तर बिहार सहित पूरे प्रदेश में घुंघ और घने कोहरे के कारण प्रति वर्ष हवाई सेवा एवं रेल परिचालन पर असर पड़ता है। जिसके कारण ही उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार से खुलने वाली ट्रेनें लंबे समय तक बंद करना पड़ता है। जिसके कारण आम लोगों को काफी परेशानियां का सामना प्रति वर्ष करना पड़ता है।