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18 बच्चों की मौत के बाद झांसी मेडिकल कॉलेज का प्रधानाचार्य को हटाया, तीन अधिकारी किए गए निलंबित

मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ

झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड में 18 शिशुओें की मौत के मामले में 12 दिन बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने अंततः कार्यवाही करनी पड़ी। घटना के तत्काल बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर झांसी गये उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा था कि यदि कोई दोषी होगा तो सरकार कार्रवाई करेगी। डिप्टी सीएम के निर्देश पर गठित चार सदस्यीय कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर कॉलेज के प्रधानाचार्य को हटा दिया गया है साथ ही कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को आरोप पत्र एवं तीन अन्य को निलंबित किया गया है। लेकिन मुख्यमंत्री के निर्देश पर बनी कमेटी जिसको 12 घण्टे में रिपोर्ट देना था उस पर क्या कार्रवाई हुई यह नहीं बताया गया है। 18 बच्चों की मौत के मामले में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि झांसी मेडिकल कॉलेज में हुई हृदय विदारक घटना को लेकर सरकार बेहद संवेदनशील है। पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद उपलब्ध कराई गई है। इस संबंध में ईमानदार छवि की आईएएस अधिकारी चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशक किंजल सिंह के नेतृत्व में चार सदस्यी जांच कमेटी का गठन गया था। जांच रिपोर्ट के आधार पर कॉलेज के कार्यवाहक प्रधानाचार्य डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर को पद से हटा दिया गया है। उन्हें चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशालय से संबद्ध किया गया है साथ ही मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सचिन माहुर को आरोप पत्र दिया गया है। कॉलेज के अवर अभियन्ता (विद्युत) संजीत कुमार, एनआईसीयू वार्ड की नर्सिंग सिस्टर इंचार्ज संध्या राय एवं मेडिकल कॉलेज की प्रमुख अधीक्षक डॉ. सुनीता राठौर को तत्काल निलम्बित करते हुए आरोप पत्र दिया गया। बता दें कि कॉलेज में बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. ओम शंकर चौरसिया, सर्जरी विभाग के सह-आचार्य डॉ. कुलदीप चंदेल व विद्युत प्रभारी अधिकारी को आरोप पत्र देकर उनकी भूमिका की जांच के लिए मण्डलायुक्त झांसी को जांच अधिकारी बनाया गया।

यह थी घटना
15 नवम्बर को झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू वार्ड में आग लगने से 18 बच्चों की मृत्यु हो गई थी। हादसे के तुरंत बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक घटनास्थल पर पहुंचे थे और पीड़ित परिवारों को सांत्वना दी थी साथ ही दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया था।सपा प्रवक्ता जूही सिंह ने इसे हत्या करार देते हुये राज्य सरकार पर आरोप मढ़ा था। उन्होंने कहा यूपी सरकार ने पहले कहा था कि यदि कोई दोषी होगा तो कड़ी कार्रवाई होगी। सपा ने उसी दिन कहा था कि नौनिहालों की जान कमीसनखोर सरकार की भेंट चढ़ गई। स्वास्थ्य मंत्री को इस्तीफा देना चाहिये।

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