सामना संवाददाता / मुुंबई
आगर में सुरंग बनाने वाली मशीन टीबीएम (टनल बोरिंग मशीन) से खुदाई हो रही है, जिसके कारण आगरा में हजारों परिवारों की नींद उड़ी हुई है। दरअसल, यहां १,७०० घरों में दरारें आ गई हैं। यहां के बांशिंदों का कहना है कि वे परेशान हैं और अपने परिवार के साथ होटल या किसी अन्य जगह पर शिफ्ट हो गए हैं। कई घरों को खड़ा रखने के लिए लोहे के जैक लगाए गए हैं।
बता दें कि आगरा में मेट्रो रेल परियोजना के कारण हजारों लोगों की जिंदगी अस्त-व्यस्त हो गई है। शहर के मोती कटरा और सय्यद गली में स्थित लगभग १,७०० मकानों में दरारें आ गई हैं, जिससे लोगों की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। हालात इतने खराब हो गए हैं कि कई मकानों को गिरने से बचाने के लिए लोहे के जैक लगाए गए हैं। स्थानीय लोग अपने पुश्तैनी घरों को छोड़कर दूसरे घरों या होटलों में रहने को मजबूर हो गए हैं।
१४६ मकानों को खड़ा रखने के लिए जैक लगाए गए हैं। हजारों लोग घबराए हुए हैं। लोगों को परिवार के साथ सिर छुपाने के लिए दूसरे घरों में या होटल में शरण लेनी पड़ रही है। सबसे अधिक खतरा मोती कटरा और सय्यद गली के घरों पर मंडरा रहा है। इस मामले को लेकर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन पर ऊंगुली उठाई जा रही है। आगरा कॉलेज से मनकामेश्वर मंदिर स्टेशन तक मेट्रो रेल के लिए अंडरग्राउंड रेलवे ट्रैक बनाया जा रहा है। रेलवे ट्रैक की सुरंग २ किलोमीटर लंबी है। सुरंग बनाने के लिए जमीन के नीचे १०० से १५० फीट गहरी खुदाई की गई है।