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यातायात में बाधक बन रहे हैं खटारा वाहन …३ साल में सिर्फ तीन हजार भंगार वाहनों पर कार्रवाई

-स्क्रैपिंग के लिए ठेकेदार की होगी नियुक्ति
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई की सड़कों पर कई जगह खड़े खटारा वाहनों के चलते एक तरफ जहां यातायात की समस्या विकराल हो रही है, वहीं आपराधिक घटनाओं के लिए असामाजिक तत्व इसका फायदा उठाते हैं। जानकारों की मानें तो मनपा सड़कों पर खड़े खटारा वाहनों पर कार्रवाई के मामले में लापरवाही बरती जा रही है। यही वजह है कि पिछले ३ साल में मात्र ३ हजार खटारा वाहनों को जप्त किया गया है, जबकि मुंबई की सडकों पर लगभग ३० हजार से ज्यादा खटारा वाहन होने का अनुमान है। ऐसे में लोगों ने सवाल उठाया है कि आखिर सड़कों पर खड़े खटारा वाहनों को मनपा कब हटाएगी।
वर्ष २०२२ में एक अभियान के तहत ढाई हजार से ज्यादा भंगार वाहन जप्त किए गए थे। मनपा अधिकारियों के अनुसार जो शिकायतें मिलती हैं, उन पर कार्रवाई की जाती है। अब तक मनपा के अलग-अलग जगह भंगार खाने में
मनपा ने ५,९५८ खटारा गाड़ियां खड़ी की है। अब मनपा इन वाहनों की स्क्रैपिंग के लिए ठेकेदार नियुक्त करेगी। बीते दो वर्षों में मनपा ने ५,९५८ परित्यक्त वाहनों को जब्त किया है और ४.७० करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया है। सड़कों पर छोड़े गए ये वाहन न केवल ट्रैफिक बाधित करते हैं, बल्कि स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करने के साथ-साथ असामाजिक तत्वों के लिए आश्रयस्थल भी बन जाते हैं। इस समस्या को हल करने के लिए मनपा ने पहले एक केंद्रीकृत  स्क्रैपयार्ड बनाने का प्रयास किया था, जहां जब्त वाहनों की नीलामी की जा सके, लेकिन माहुल और बाद में ऐरोली में स्क्रैपयार्ड स्थापित करने के प्रयास असफल रहे है। इसलिए मनपा के पास स्क्रैपयार्ड भी नहीं है।
क्या करेंगे ठेकेदार?
फिलहाल शहर, पूर्वी उपनगर और पश्चिमी उपनगर के लिए अलग-अलग ठेकेदार नियुक्त कर एक साल की अवधि में खटारा वाहनों को हटाने, तोड़ने और नष्ट करने का काम करेंगे। मनपा ठेकेदारों को सड़कों और सार्वजनिक स्थलों से वाहनों को हटाने का कार्य सौंपेगी। ठेकेदार को इन वाहनों को सुरक्षित स्थान पर स्टोर करना होगा और सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन सुनिश्चित करना होगा। इसके साथ ही पुलिस और क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण के साथ समन्वय कर यह सुनिश्चित करना कि वाहन मालिकों के खिलाफ कोई मामला दर्ज है या नहीं। वाहन मालिकों को नोटिस जारी करना। वाहन की सूची संबंधित आरटीओ और स्थानीय पुलिस स्टेशन को सौंपना। अखबार में नोटिस प्रकाशित कर वाहन का डि-रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू करना होगा।

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