मुख्यपृष्ठस्तंभमैथिली व्यंग्य : व्हॉट्सऐप के महिमा!

मैथिली व्यंग्य : व्हॉट्सऐप के महिमा!

डॉ. ममता शशि झा
मुंबई

व्हाट्सऐप ऐला के बाद जे सब स बेसी तेजी स जे बात भेल से अछि पुराना लोक सब के ग्रुप बननाई। आ सबटा ग्रुप बनतई ते स्कूल आ कॉलेज के जे पुरना दोस्त, संग में पढ़ बला आ संगतुरिया सब के ग्रुप कोना छुटि जइतइ, पैâमिली के ग्रुप, नैहर के, ससुर के, ननदि-भौजाई के, बहिन के, नानी गाम के, सामाजिक और कार्यस्थल और न जाने कौन-कौन ग्रुप बन लागल मुदा सब स बेसी फेमस और चीजी बीएफएफ ग्रुप! हर बात के अंत हां एकर व्हाट्सऐप ग्रुप बना लिए अहि वाक्य स होम लागल। आ जहन ग्रुप बनलइ त ओकर सब-ग्रुप, आ माइक्रो ग्रुप सेहो बनि जाय छइ। ग्रुप में गप्प करइत-करइत ओहि ग्रुप के दू गोटा के आपस में सेहो गप्प होइत रहई छइ जे कखनो काल के गलती सँ ग्रुप पर पोस्ट भे जाय छइ आ तहन लोक के बुझ नहिं अबइ छइ जे इ अनून गप्प बीच में कत से आबि गेलइ। अनेकता में एकता के बात सिद्ध कर बला इ ग्रुप सब आ कखनो काल के एकता में अनेकता के बात सिद्ध कर बला सेहो बनि जाय छइ।
अहि परिवर्तन सँ लोक सब के संबोधन के तरीका तक बदलि गेलइ। फलाँ के माँ, कनिया आ फलाँ गामवली के जगह अब फलाँ ग्रुप वाली के संबोधन स होब लागल। आ बुझिते छियइ जे अहाँ सब जत लोक ओत गप्प आ जत गप्प ओत झगड़ा!! सब स बेसी झगड़ा पति-पत्नी में लास्ट सीन आ ब्ल्यू टिक मार्क दुआरे होब लागल। जे पति सोझा में पेपर पढ़ के बहाने पत्नी के बात अंठिया दइ छलखिन, इ कही क जे नहीं सुनलहूं, पेपर दिस ध्यान छल इ सद्यह झूठ बजइ छला, कियेक ते पत्नी जे धीरे स ककरो करइ छलखिन से बात सब पति एकदम ठीक स सुनि लइ छलखिन आ बीच में टिपकारी दइ छलखिन हुनका सबके भारी मुश्किल होअ लगलनि। शायद इ लास्ट सीन आ ब्ल्यू टिक के नहिं देखाइ से बला फीचर व्हाट्सऐप पर ऐहने कोनो पति के दिमाग के करामात के आविष्कार हेतनी। ओहु स खरनाक बात इमेजिस जहन शुरू-शुरू में लोक सब उपयोग केनाई शुरू केलक तहत होई छलइ, कान बला इमेजिस के जगह जँ हँस बला चली गेल त बुझू जे झगड़ा निश्चिते! तकरे बाद बुझाइया जे डिलीट फोर ऑल बला फीचर ओहि में जोड़ने हेथिन! त अहि तरहे अनेक तरहक बात अछी, जेना हरि अनंत हरि कथा अनंता ताहिना व्हाट्सऐप के अनंत कथा अछी। आगिला लेख में आर विस्तारपूर्वक कहब!

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