सामना संवाददाता / मुंबई
पश्चिम रेलवे ने हाल ही में १३ नई एसी लोकल सेवाएं शुरू की हैं। इस सेवा से कहीं खुशी, तो कहीं गम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। यानी यात्रा करने वाले कुछ यात्रियों में एसी लोकल बढ़ने से खुशी है, वहीं आम यात्री एससी लोकल से गम की स्थिति में पहुंच गए है। मतलब उनको यात्रा करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नई १३ एसी लोकल सेवाओं में ६ ट्रेनें चर्चगेट की ओर और ७ विरार की ओर संचालित होंगी। ये नई एससी लोकल आम नागरिकों के लिए सांसत बन गई हैं। यानी उनको पीक आवर्स में आफिस पहुंचने में विलंब हो रहा है, जिसके कारण कर्मचारी अपने अधिकारियों के कोप का शिकार हो रहे है।
मीरा रोड पर बढ़ी भीड़भाड़
`भायंदर से चर्चगेट तक सफर करने वाले यात्री हर्ष राठौड़ ने कहा कि पहले से चल रही लोकल गाड़ी ९४०२२ भायंदर-चर्चगेट नॉन-एसी लोकल को एसी ट्रेन में बदल दिया गया है। इसके कारण ९०२०८ भायंदर-चर्चगेट लोकल में भारी भीड़ हो रही है, जिससे मीरा रोड पर चढ़ना ही मुश्किल हो गया है। रेलवे को ९४०२२ को दोबारा नॉन-एसी में बदलना चाहिए।
यात्री रितेश शालियन ने भी नाराजगी जताते हुए कहा कि सुबह ८:२४ बजे चलने वाली भायंदर-चर्चगेट फास्ट लोकल को एसी में बदल दिया गया है। क्या इसकी जरूरत थी? भायंदर से पहले ही ८:०१ बजे चर्चगेट के लिए एक फास्ट ट्रेन चलती है। इन दोनों ट्रेनों के बीच २० मिनट का अंतराल है।
यात्रियों के साथ हो रहा अन्याय :यात्री संघ
मुंबई पैसेंजर और ट्रैफिक रिलीफ एसोसिएशन के सचिव एवं अध्यक्ष मंसूर दरवेश ने कहा कि पश्चिम रेलवे द्वारा १३ नई एसी ट्रेनें शुरू करना सराहनीय है, लेकिन नॉन-एसी सेवाओं को कम करना गरीब और आम यात्रियों के साथ अन्याय है। रेलवे को समय सारणी में छोटे बदलाव करके नॉन-एसी ट्रेन सेवाओं को भी बढ़ाना चाहिए।
रेलवे के इस कदम से पीक आवर्स में यात्रा करने वाले लाखों नॉन-एसी यात्री परेशान हो रहे हैं। एसी ट्रेनों के किराए को देखते हुए ये सेवाएं सभी के लिए किफायती नहीं हैं। सवाल उठता है कि रेलवे ने बिना यात्रियों की राय लिए यह बदलाव क्यों किया।