दीपक तिवारी
विदिशा नगर के व्यापारी कुछ दिनों से चिंतित और परेशान हैं। मुद्दा माधवगंज से बड़ा बाज़ार के मुख्य बाज़ार की सड़क को कंक्रीट में तब्दील किए जाने को लेकर चल रहे असमंजस का है। उक्त प्रतिक्रिया बाल संरक्षण आयोग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने सोशल मीडिया पर व्यक्त की है।
उन्होंने कहा कि विदिशा पिछले 2500 वर्षों से व्यापारिक नगर है। यहां की जीवन रेखा व्यापार ही है, यहां के व्यापारियों ने अपनी मेहनत से न केवल नगर को समृद्ध बनाया है बल्कि दुनिया भर में प्रसिद्ध भी बनाया है। बाजार का निर्विघ्न चलना और निर्बाध आवागमन व्यापार की प्राथमिक आवश्यकता होती है।
मैं आजकल विदिशा में हूं तो कई लोगों ने मुझसे संपर्क कर अपनी निम्न आशंकाओं से अवगत करवाया है।
कंक्रीट की सड़कें उन इलाक़ों के लिए मुफ़ीद होती हैं जहां लगातार पानी बहता है और कोलतार जम नहीं पाता है।
कंक्रीट की सड़क पर वर्षा का पानी बह जाता है, वर्षाजल भूमि में अवशोषित नहीं होता है। लगातार ऐसा होने और ग्राउंड वाटर रिचार्ज न होने से भूजल का स्तर गिर जाता है नतीजे में ट्यूबवेल, कुंआ, हैंडपंप सूखने लगते हैं।
उदाहरण के लिए चेन्नई के कंक्रीटकरण के कारण वहां की पेयजल समस्या की खबरों से लोग भयभीत हो रहे हैं।
शहर की कई गलियों में कंक्रीट करते वक्त ठेकेदारों और अधिकारियों की लापरवाही से सड़कों के किनारों की नालियां समाप्त कर दी गई हैं अब जगह जगह मोहल्लों में घरों के अंदर बारिश में वाटरलॉगिंग (पानी भरने) का एक यह भी कारण है ऐसी चिंता लोगों को है कहीं ऐसे हालात दुकानों के न हो जायें।
शहरवासी जानते हैं कि नगर में सभी नालियां 30 से 45 डिग्री के कोण में हुआ करती थीं।
उन्होंने कहा कि नगर की सभी दुकानों को 4-5 फिट ऊपर उठाना संभव नहीं है क्योंकि ऊपर की मंज़िल पर लोगों का निवास है कहीं गोदाम भी है।
पूर्व में शहर में एक भी कंक्रीट निर्माण सड़क को खोद कर नीचे से बेस बनाकर नहीं किया गया है जिसके नतीजे में सड़के ऊंची हो गयीं मकान/दुकान नीचे हो गये।
विशेषज्ञों के अनुसार यदि पूरा नगर खोद कर निर्माण करेंगे तो इसमें दो साल लगेंगे पूर्व में सीवेज लाइन निर्माण के समय ऐसा होने पर व्यापार ठप्प हो गया था और बस स्टैंड, विवेकानंद चौराहे के बीच कई दुकान शिफ्ट होने से प्रॉपर्टी के दाम में बेतहाशा वृद्धि हुई थी ।
अब ऐसा हुआ तो मजबूरी में नदी के उस पार बासौदा- बैरासिया मार्ग पर में ही बाज़ार को शिफ्ट करना पड़ेगा क्योंकि भोपाल रोड बहुत महंगा हो गया है औसत व्यापारी दुकान नहीं ख़रीद पायेंगे उनको को वहाँ के माल्स में किराए की दुकाने लेनी पड़ेंगी।
नगर के व्यापारियों ने कभी विकास का विरोध नहीं किया है हमेशा आगे बढ़कर बड़े-बड़े बलिदान दिए हैं, जिससे कि नगर का नई दिशाओं में विकास हो सके फिर चाहे वो-पीतल मील, खरीफाटक, पुरानी कलारी क्षेत्र, गल्ला मंडी क्षेत्र, अरिहंत विहार, महामाई झांकी क्षेत्र,पेढ़ी चौराहा, रामद्वारा या अस्पताल रोड के व्यापारी रहे हों सभी ने नगर की प्रगति के लिए अपने व्यावसायिक हितों को बलिदान किया है।
शहर के सभी लोग इन व्यापारियों के ऋणी हैं जिन्होंने पूर्व में अपने प्रतिष्ठान बंद या स्थांतरित किए हैं।
सरकार, समाज और परिवार एक दूसरे के सहयोग और परस्पर प्रेम से चलने वाली संस्थाएं हैं। हमारे मुख्यमंत्री मोहन यादव बेहद संवेदनशील हैं, मेरा विश्वास है कि व्यापार के हित में निर्णय लेकर जनभावना के अनुकूल सरकारी आदेश में आवश्यक संशोधन करेंगे।