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विधानसभा चुनाव परिणाम जनता ने नहीं ईवीएम ने दिया …रोहिणी खड़से का आयोग पर गंभीर आरोप

– बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग
सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में पराजित हुए कुछ उम्मीदवारों ने ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) पर सवाल उठाते हुए पुन: मतगणना की मांग की है। इस मुद्दे पर कई दलों के उम्मीदवार शामिल हैं। इसी क्रम में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की महिला प्रदेश अध्यक्ष और मुक्ताईनगर से उम्मीदवार रोहिणी खड़से ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने मुक्ताईनगर के १६ मतदान केंद्रों पर वीवीपैट पर्चियों की गिनती कराने के लिए आवेदन दाखिल किया है और इसके लिए निर्धारित जमानत राशि भी जमा की है।
रोहिणी खड़से का आरोप है कि मुक्ताईनगर के कई मतदान केंद्रों पर संदिग्ध नतीजे आए हैं। उन्होंने मीडिया से बातचीत में बताया कि चुनाव परिणाम घोषित होने से पहले ही सोशल मीडिया पर एक सूची वायरल हुई थी, जिसमें उनके प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार द्वारा अनुमानित वोटों का सटीक आंकड़ा दिया गया था। यह सूची और चुनाव परिणाम के आंकड़े कुछ मतदान केंद्रों पर एकदम मेल खाते हैं, जिससे शक पैदा होता है। उन्होंने कहा कि कोई भी ज्योतिषी इतना सटीक आंकड़ा पहले से नहीं बता सकता। यह मामला बेहद संदेहास्पद है।
रोहिणी खड़से ने यह भी दावा किया कि मुक्ताईनगर में ऐसे गांव हैं, जहां उनके प्रतिद्वंद्वी को वोट मिलने की संभावना नहीं थी, फिर भी उन्हें वहां अधिक वोट मिले।
उन्होंने कहा कि पिछले ३० वर्षों में मेरे पिता और मैंने ऐसे गांवों में कभी कम वोट नहीं पाए, लेकिन इस बार हमें अपेक्षाकृत कम वोट मिले। यह असंभव है। यह जनता का रुझान नहीं है, बल्कि ईवीएम द्वारा दिखाया गया रुझान है।’
उन्होंने ईवीएम पर सवाल उठाते हुए कहा कि अमेरिका जैसे विकसित देश ने भी ईवीएम का उपयोग बंद कर दिया है और वहां बैलेट पेपर के माध्यम से चुनाव कराए जाते हैं।

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