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चुनाव खत्म, अब ‘लाडली’ नहीं रहीं बहनें! …एक परिवार में केवल २ होंगी ‘लाडली बहन’

२,१०० रुपए दिए तो १८,००० करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ

सामना संवाददाता / मुंबई
भाजपा अपने स्वार्थ की राज ‘नीति’ को लाडली बहनों के साथ भी दोहराने वाली है। मतलब चुनाव खत्म होने के बाद अब लाडली बहन योजना पर कैंची चलानेवाली है। सूत्रों के अनुसार, राज्य में नई गठित होनेवाली भाजपा नेतृत्व की महायुति सरकार लाडली बहनों की अब छंटनी करेगी। प्रत्येक घर में सिर्फ दो ही लाडली बहनों को इस योजना का लाभ मिलेगा। पहले यह लाभ २ करोड़ से अधिक महिलाओं को दिया गया था, लेकिन नए नियम लागू होने के बाद लाभार्थी महिलाओं की संख्या लगभग आधी हो जाएगी।
विधानसभा चुनाव से पहले ‘लाडली बहन’ योजना के तहत महायुति सरकार ने बिना किसी जांच-पड़ताल के हर परिवार की महिलाओं के खाते में सीधे १,५०० रुपए जमा कराए। इस लोकलुभावन योजना के कारण राज्य की आर्थिक स्थिति पर भारी दबाव पड़ रहा है। इसे देखते हुए नई सरकार योजना के नियम सख्त करने का निर्णय लेगी। अब प्रत्येक परिवार की केवल दो महिलाओं के खाते में ही पैसे जमा होंगे।

लुभाने के लिए लाई गई लाडली बहन योजना
चुनाव खत्म होते ही शर्तें लादने की तैयारी

विधानसभा चुनाव में किसानों और महिलाओं की नाराजगी के चलते महायुति सरकार ने ‘मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना’ की शुरुआत की थी। योजना के तहत हर बहन के खाते में १,५०० रुपए जमा करने की घोषणा की गई थी। इस योजना का लाभ उठाने के लिए २.५ लाख रुपए से अधिक वार्षिक आय वाली महिलाओं ने भी आवेदन किया था। शुरू में योजना के तहत प्रत्येक परिवार की केवल दो महिलाओं को पैसे देने की योजना थी, लेकिन चुनाव के मद्देनजर बिना किसी जांच के सभी महिलाओं के खातों में १,५०० रुपए जमा कर दिए गए।
सरकार ने लगभग २ करोड़ ४३ लाख महिलाओं के खातों में पैसे जमा किए, जिससे बीते नौ महीनों में सरकारी खजाने पर लगभग ३३,००० करोड़ रुपए का बोझ पड़ा। अब विधानसभा चुनाव घोषणा पत्र में वादा किए गए २,१०० रुपए प्रतिमाह के हिसाब से देने पर सरकारी खजाने पर १८,००० करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ने की संभावना है।
चुनाव खत्म होने के बाद अब सरकार इस योजना के तहत सख्त शर्तें लागू करने की तैयारी में है। पहले बिना किसी नियम के लाडली बहनों के खातों में पैसे जमा किए गए थे, लेकिन अब आय प्रमाणपत्र, इनकम टैक्स रिटर्न, पेंशन की राशि, चारपहिया वाहन और ५ एकड़ से अधिक भूमि जैसी शर्तों की जांच की जाएगी।

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