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संभल हिंसा! … सोची-समझी साजिश थी!,  जिम्मेदार अधिकारियों पर चले हत्या का मुकदमा … लोकसभा में संभल हिंसा मामले पर गरजे अखिलेश

समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया और यूपी के कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने मंगलवार को लोकसभा में संभल हिंसा पर बयान देते हुए इस घटना को सोची-समझी साजिश करार दिया। उन्होंने संभल में माहौल बिगाड़ने वाले लोगों के साथ पुलिस और प्रशासन को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि इन्हें निलंबित किया जाए और हत्या का मुकदमा चलाया जाना चाहिए, ताकि आगे कोई संविधान के खिलाफ इस तरह का काम न कर सके। अखिलेश यादव ने लोकसभा में कहा, `संभल में जो अचानक घटना हुई है, वो एक सोची-समझी साजिश के तहत हुई है और संभल में भाईचारे को गोली मारने का काम हुआ है। देशभर में भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी, जो बार-बार खुदाई की बातें कर रहे हैं, ये खुदाई हमारे देश का सौहार्द, भाईचारा, गंगा-जमुनी तहजीब को खो देगा। ये सोची-समझी साजिश इसलिए बोल रहा हूं, क्योंकि यूपी विधानसभा के उपचुनाव १३ नवंबर को होना था। इन्होंने तारीख १३ नवंबर से बढ़ाकर २० नवंबर कर दी। संभल के शाही जामा मस्जिद के खिलाफ १९ नवंबर २०२४ को सिविल जज सीनियर डिविजन चंदौसी संभल में एक याचिका डाली गई। कोर्ट ने दूसरे पक्ष को सुने बगैर उसी दिन सर्वे के आदेश दे दिए। ये ताज्जुब की बात है। दो घंटे बाद सर्वे की टीम संभल पुलिस बल के साथ वहां पहुंच गई।’

`संभल में पिछले दिनों अचानक हुई हिंसा की घटना को सोची-समझी साजिश के तहत अंजाम दिया गया। संभल में सालों से लोग भाईचारे से रहते आए हैं। इस घटना से इस भाईचारे को ‘गोली मारने’ का काम किया गया। घटना के लिए जिम्मेदार पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को निलंबित किया जाए और उन पर हत्या का मुकदमा चलाया जाए।’

बीजेपी देश को बर्बादी की ओर ले जाना चाहती है
समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन ने कहा कि संभल में हिंसा उसी सप्ताह हुई, जिस सप्ताह हमने संविधान दिवस मनाया, इससे साफ है कि बीजेपी देश को बर्बादी की ओर ले जाना चाहती है। अगर हम इन्हीं मुद्दों में उलझे रहेंगे तो देश आगे नहीं बढ़ पाएगा।

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