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फिर दिखी केंद्र की क्रूरता! … हिरासत में लिए गए सैकड़ों अन्नदाताओं ने भरी हुंकार, रुकेंगे नहीं, डटे रहेंगे!

न्यूनतम गारंटी मूल्य (एमएसपी) और नए कृषि कानून के तहत अधिग्रहित भूमि के मुआवजे की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश के हजारों किसानों के दिल्ली कूच करने के बाद मोदी सरकार सख्त रुख अपना रही है। पुलिस ने कल लगभग १५० प्रदर्शनकारी किसानों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें एक बस में ले जाया गया। इस बीच किसान नेता सुखबीर खलीफा ने कहा है कि किसान संगठनों ने न्याय नहीं मिलने तक किसान आंदोलन जारी रखने का पैâसला किया है। भारी पुलिस बल द्वारा किसानों को हिरासत में लिया गया। इस दौरान किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने किसी भी स्थिति में आंदोलन जारी रखने का संकल्प भी व्यक्त किया। भारतीय किसान परिषद के अध्यक्ष सुखबीर खलीफा को भी हिरासत में लिया गया है। विभिन्न मांगों को लेकर सुखबीर खलीफा ने दलित प्रेरणास्थल पर थाने का आयोजन कर आंदोलन शुरू किया। उनके आंदोलन को कुचल दिया गया। संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में भारतीय किसान परिषद, किसान मजदूर संघ और विभिन्न किसान संगठनों ने संयुक्त रूप से संसद परिसर पर हमले की चेतावनी दी थी। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में किसान नेता सुखबीर खलीफा की गिरफ्तारी पर भड़के किसानों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा। इसी क्रम में मंगलवार की दोपहर में भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा समेत सैकड़ों किसानों को दिल्ली की ओर जाते समय नोएडा पुलिस ने दलित प्रेरणास्थल के पास से गिरफ्तार कर लिया।

टिकैत की गिरफ्तारी से भड़के अन्नदाता
किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत को कल उत्तर प्रदेश पुलिस ने अलीगढ़ से हिरासत में ले लिया। किसान अपनी कई मांगों को लेकर आक्रामक हो गए। किसान आंदोलन के दौरान टिकैत को हिरासत में लिया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारी किसानों ने जमकर नारेबाजी की। साथ ही राकेश टिकैत ने भी इस पर टिप्पणी की है। उन्होंने कहा है कि हमें पुलिस ने हिरासत में लिया है, हमें नहीं पता कि वे हमें कहां ले जा रहे हैं। पुलिस ने कहा है कि सरकार के आदेश के मुताबिक, यह कार्रवाई की जा रही है।

`यह सरकार किसानों, आम लोगों, मजदूरों और गरीबों की आवाज दबा रही है। उन्होंने हम पर कब्जा करके अपनी पहली पारी खेली है। अब हम अपनी अगली रणनीति और आंदोलन की दिशा की घोषणा करेंगे’
-राकेश टिकैत, अध्यक्ष, भारतीय किसान यूनियन

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