‘साथिया’ और ‘कंपनी’ जैसी फिल्मों से अपनी पहचान बनानेवाले विवेक ओबेरॉय ने एक इंटरव्यू में बताया कि ‘शूटआउट एट लोखंडवाला’ की सफलता के बावजूद उन्हें १४ से पंद्रह महीनों तक कोई काम नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने तय किया कि वो अपना खुद का व्यवसाय करेंगे। विवेक ने कहा, ‘इंडस्ट्री इनसिक्योर जगह है। आप अच्छा परफॉर्म कर सकते हैं, अवॉर्ड्स जीत सकते हैं, लेकिन फिर भी हो सकता है कि आपको काम न मिले। २००७ के बाद जब मैंने ‘शूटआउट एट लोखंडवाला’ की तो मुझे उम्मीद थी कि मुझे ढेर सारे ऑफर्स मिलेंगे, लेकिन कोई काम नहीं मिला। मैं १४-१५ महीने घर बैठा रहा। मैंने तय किया कि सिनेमा मेरा जुनून होगा, लेकिन मेरी आजीविका मेरा व्यवसाय होना चाहिए।’