मुख्यपृष्ठस्तंभबात-जज्बात : सेनेटरी पैड को लेकर चीनी महिलाओं में रोष

बात-जज्बात : सेनेटरी पैड को लेकर चीनी महिलाओं में रोष

राज ईश्वरी
चीन की महिलाएं आजकल बड़े गुस्से में हैं। उन्होंने सेनेटरी पैड मैन्युफैक्चर के खिलाफ कैंपेनिंग चला रखी हैं। उनकी मांग है कि सेनेटरी पैड के मैन्युफैक्चरर्स उनसे माफी मांगे। दरअसल, हुआ यह कि चीन की काफी महिलाओं को यह महसूस होने लगा कि सेनेटरी पैड में कुछ गड़बड़ी है! कुछ फेमिनिस्ट एक्टिविस्ट ने जब पैड के साइज की जांच की तो पाया कि वह काफी कम है! क्वालिटी को लेकर भी वे संतुष्ट नहीं थीं। उन्होंने चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसे पोस्ट किया। अचरज की बात यह थी कि हर महिला या युवती जिसने भी पैड की जांच की सभी इसी नतीजे पर पहुंचे कि उनके साथ सेनेटरी पैड मैन्युफैक्चरर्स चीट कर रहे हैं।
देखते ही देखते लाखों चाइनीज महिलाओं का अपने देश में उपलब्ध सेनेटरी पैड की क्वालिटी और घटते साइज के खिलाफ एक बड़ा सोशल मीडिया वैंâपेनिंग शुरू हो गया। कई फेमिनिस्ट एक्टिविस्ट ने चीन की लीडिंग सैनिटरी पैड्स ब्रांड पर आरोप लगाया है कि मैन्युफैक्चरर्स कॉस्ट कटिंग करने और ज्यादा मुनाफे के लिए सेनेटरी नैपकिन की लंबाई के नियमों में खामियों का फायदा उठा रहे हैं। बात यहीं तक सीमित रहती तो इतना हंगामा नहीं बरपा होता। हुआ यह कि कुछ बड़े मैन्युफैक्चरर्स ने अपने बयान में कह दिया ‘बाय आईएफ यू लाइक’ यानी ‘पसंद आए तो खरीदें!’ महिलाओं को यह अपना अपमान लगा और उन्होंने सीधे-सीधे सोशल मीडिया पर उनके प्रोडक्ट्स के खिलाफ कोर्ट में अपील कर दी।
हालात इस कदर हो गए हैं कि सरकारी मीडिया को भी सेनेटरी नैपकिन मैन्युफैक्चरर्स से कंज्यूमर एक्सपिरिएंसेस में व्यापक सुधार करने और क्वालिटी कंट्रोल पर ज्यादा फोकस करने की अपील करनी पड़ रही है। लेकिन जानकारों का मानना है कि सरकार की यह भूमिका उनके पुराने पापों को धोने की कोशिश है! क्योंकि कुछ साल पहले चीनी सोशल जस्टिस कैंपेनर्स को ‘मी टू’ जैसे कैंपेनिंग के मामले में शामिल होने के चलते अरेस्ट किया गया था और मुकदमा चलाया गया था। सरकार को लगता है पैड वाले मामले में महिलाओं के पक्ष में सॉफ्ट कॉर्नर तैयार कर पाएगी। यह बात सरकार की, लेकिन फिलहाल महिलाएं कंपनियों को बख्शने के मोड में कतई नहीं हैं।

 

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