सामना संवाददाता / नई दिल्ली
कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा लोकायुक्त को पत्र भेजने और रिपोर्ट को चुनिंदा मीडिया में लीrक करने को लेकर गंभीर आरोप लगाया। प्रियांक खड़गे ने बुधवार को कहा कि यह सब राजनीतिक मंशा से किया जा रहा है और यह कार्रवाई पूरी तरह से केंद्र सरकार के दबाव में की जा रही है। प्रियांक खड़गे ने कहा कि ईडी अब एक गुलाम निदेशालय बन चुका है।
ईडी की ओर से लगाए गए तमाम आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। सबसे पहले यह समझने की जरूरत है कि ईडी के पास यह अधिकार वैâसे आया कि वह नोटिफिकेशन, सेल डीड, गिफ्ट डीड और अपराध की आय पर बात करे। उन्होंने कोई ठोस जांच नहीं की है और जो भी रिपोर्ट सामने आई है, वह पूरी तरह से बनावटी है। उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी ने जानबूझकर रिपोर्ट को लोकायुक्त और मीडिया में लीrक किया है। रिपोर्ट का समय खुद ही सवाल खड़ा करता है। हाई कोर्ट में एक महत्वपूर्ण मामला है और आज यह रिपोर्ट सार्वजनिक हो गई। यह साफ-साफ दिखाता है कि ईडी का इरादा केवल राजनीतिक नुकसान पहुंचाना है। मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के पीएमएलए और ईसीआईआर मामले मीडिया में सार्वजनिक हो जाते हैं, लेकिन बीजेपी नेताओं के मामलों पर चुप्पी साधी जाती है।
उन्होंने सवाल किया कि, ‘हिमंत बिस्वा शर्मा, अजीत पवार जैसे नेताओं के मामले मीडिया में क्यों नहीं आते?’ उन्होंने दावा किया कि यह सब बीजेपी की अंदरूनी राजनीति और कमजोरियों को छुपाने के लिए किया जा रहा है। कर्नाटक में बीजेपी के अंदर ही घमासान मचा हुआ है, बीजेपी नेताओं के बीच झगड़ा सार्वजनिक हो गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इन मुद्दों से निपटने के लिए कानूनी और राजनीतिक दोनों स्तरों पर कार्रवाई करेगी।