मुख्यपृष्ठविश्वबांग्लादेश में घुसकर हिंदुओं को बचाओ! ...८६ फीसदी हिंदुस्थानियों ने उठाई मांग

बांग्लादेश में घुसकर हिंदुओं को बचाओ! …८६ फीसदी हिंदुस्थानियों ने उठाई मांग

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे हमले को लेकर भारत में गुस्से का माहौल है। भारत के लोग बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस को खूब खरी-खोटी सुना रहे हैं। इस बीच एक न्यूज नेटवर्क ने बांग्लादेश मामले को लेकर एक सर्वे किया है। इस सर्वे में हिंदुस्थानियों ने एक सुर में कहा कि बांग्लादेश अहसान फरामोश है और उसे उन्हीं के देश में घुसकर मारना चाहिए। तकरीबन ८६ फीसदी भारतीयों का कहना है कि हमारी सेना बांग्लादेश में घुसे और वहां के हिंदुओं को बचाए। बता दें कि भारत में मांग उठ रही है कि सरकार बांग्लादेश में सेना भेजकर वहां के हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित कराए। पिछले दिनों पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी से बांग्लादेश मामले में सीधा दखल देने की अपील की थी। ममता ने पश्चिम बंगाल विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा कि बांग्लादेश में हमारे परिवार के लोग रहते हैं, वहां पर हमारे करीबी लोगों की संपत्तियां हैं।
बांग्लादेशी नेताओं ने जलाई भारतीय साड़ियां
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी यानी बीएनपी के संयुक्त महासचिव रूहुल कबीर रिजवी ने राजधानी ढाका में भारत विरोधी प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने अपनी पत्नी की भारतीय साड़ी को जला दिया। साथ ही भारतीय उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान किया गया। रिजवी ने त्रिपुरा स्थित बांग्लादेश के उच्चायोग में तोड़फोड़ और बांग्लादेशी झंडे के अपमान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
नोटों से गायब होंगे शेख मुजीबुर्रहमान
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश के राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की तस्वीर नोटों से हटाई जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक, इन नए नोटों पर जुलाई विद्रोह की झलक और बांग्लादेश की परंपराओं से जुड़े तत्व दिखाए जाएंगे। जुलाई विद्रोह एक छात्र-नेतृत्व वाला आंदोलन था, जिसने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत भागने पर मजबूर कर दिया था।

हसीना के भाषणों पर लगा बैन
बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के घृणास्पद भाषणों पर प्रतिबंध लगा दिया है। ट्रिब्यूनल ने सभी मीडिया और सोशल मीडिया संस्थानों को हसीना के भाषण हटाने का आदेश दिया है। यह पैâसला हसीना के हाल ही में दिए भाषण के बाद आया है जिसमें उन्होंने अंतरिम सरकार पर नरसंहार करने का आरोप लगाया।

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