सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में अजीत पवार के शपथ लेने के अगले ही दिन उनकी जप्त की गई संपत्ति को मुक्त कर दिया गया। इस पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने भाजपा पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अब ऑफर शुरू किया है, हमारे साथ आओ और अपनी संपत्ति वापस ले जाओ। संजय राऊत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में शपथ ग्रहण समारोह हुआ और उसके अगले ही दिन ईडी और आयकर विभाग ने अजीत पवार, सुनेत्रा पवार और पार्थ पवार की एक हजार करोड़ रुपए की संपत्ति मुक्त कर दी। इसके लिए मैं अजीत पवार को बधाई देता हूं। वे संपत्ति जप्त होने के कारण तनाव में थे। उन्हें पार्टी छोड़नी पड़ी और पितातुल्य चाचा (शरद पवार) की पीठ में खंजर घोंपना पड़ा, लेकिन आज उनके चेहरे पर मुस्कान है। अब जल्द ही नवाब मलिक की संपत्ति भी मुक्त कर दी जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि ईडी ने हमारे कई नेताओं की संपत्ति पर अब भी कब्जा किया है, सिर्फ इसलिए कि वे भाजपा के सामने झुके नहीं। मेरा खुद का टू रूम किचन का घर और जमीन ईडी ने जप्त की है। हम उन्हें बताते हैं कि यह जमीन हमारे पूर्वजों की है, लेकिन वे इसे छोड़ने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मुझे जेल भेजने से पहले मुझ पर भी दबाव डाला गया कि मैं पार्टी छोड़ दूं। मेरा घर और जमीन मनी लॉन्ड्रिंग के पैसे से खरीदी गई बताई गई। अदालत ने ये दावे खारिज कर दिए, लेकिन वे हमारी संपत्ति छोड़ने को तैयार नहीं हैं।
पचास हजार के बंडल पर नौटंकी
राज्यसभा में कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की सीट के नीचे ५० हजार रुपए का बंडल मिलने पर भाजपा ने सवाल उठाए। इस पर संजय राऊत ने कहा कि राज्यसभा में जो ५० हजार रुपए का बंडल मिला, वह एक साधारण ‘लॉस्ट एंड फाउंड’ का मामला था। मैं खुद भी कई बार संसद में अपना बटुआ भूल गया हूं और बाद में वह मुझे वापस मिला। संसद में गौतम अडानी, देशद्रोह और भ्रष्टाचार पर चर्चा नहीं होने दी जाती, लेकिन ५० हजार रुपए के बंडल को लेकर भाजपा द्वारा नौटंकी शुरू कर दी जाती है।