भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार का हिंदू प्रेम ढोंग है। अगर ऐसा नहीं होता तो बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों पर संसद में चर्चा होने दी जाती और प्रधानमंत्री मोदी बांग्लादेश में घुसकर उन शैतानों को सबक सिखाने की हुंकार भरते, लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं। भाजपा ने सोमवार को यह आरोप लगाते हुए संसद का कामकाज बंद कर दिया कि अमेरिका की ‘जॉर्ज सोरोस’ की संस्था यानी विदेशी हाथ, भारत में कांग्रेस की मदद कर रहा है और सोरोस के इशारे पर संसद का काम बंद किया जा रहा है, लेकिन उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर चर्चा करने की शिवसेना की मांग नहीं मानी। अब इसे क्या कहा जाए कि जब एक ओर बांग्लादेश में हिंदू मारे जा रहे हैं और उन्हें इस वक्त भी जॉर्ज सोरोस महत्वपूर्ण लग रहा है? आज बांग्लादेश में हिंदुओं का कोई संरक्षक नहीं है। शेख हसीना की सत्ता को उखाड़ फेंकने के बाद कट्टरपंथियों ने वहां हिंदू समुदाय को निशाना बनाया है। हिंदू घरों, व्यवसायों, शैक्षणिक संस्थानों और मंदिरों पर हमले जारी हैं। हिंदू मंदिरों के पुजारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। हिंदू मारे जा रहे हैं, लेकिन भाजपा के शंकराचार्य श्रीमान मोदीजी और उनके अनुयायी मुंह सिले बैठे हैं। अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर निर्माण, ओडिशा में जीत के बाद ‘जय जगन्नाथ’ का नारा लगाना, समान नागरिक संहिता और वक्फ बोर्ड अधिनियम में सुधार की घोषणा करना, हिंदुओं को तीन या चार बच्चे पैदा करके अपनी जनसंख्या बढ़ाने की सलाह देना और ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का शोर मचाकर
हिंदुओं के दिलों में
डर पैदा कर चुनाव जीतना, भाजपा का हिंदुत्व सिर्फ यहीं तक ही सीमित है। मस्जिद के नीचे मंदिर हैं कहकर माहौल गरमाने से उनका हिंदुत्व जाग जाता है, लेकिन बांग्लादेश में आए दिन हिंदू मारे जाते हैं, इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के विरोध में कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हुए। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। महाराष्ट्र में जगह-जगह शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) सड़कों पर उतरकर बांग्लादेश में हिंदुओं की शिकायतें सरकार तक पहुंचाने की कोशिश करती रही है। कोलकाता में हुए आंदोलन में ढाका की जामदानी साड़ियों की होली जलाई गई, लेकिन इन सब में भाजपा और उसके दूसरे संगठन कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। जो हिंदू संगठन बांग्लादेश में हिंदुओं की आवाज बनकर आंदोलन कर रहे हैं, उनमें भाजपा कहीं नहीं है। इसका मतलब सिर्फ इतना है कि चूंकि भाजपा को बांग्लादेश में चुनाव नहीं लड़ना है इसलिए वहां हिंदू जीएं या मरें, इससे उसे कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्हें बांग्लादेश के हिंदुओं की तुलना में संभल, अजमेर शरीफ दरगाह में खुदाई करके धार्मिक तनाव पैदा करना ज्यादा अहम लगता है। बांग्लादेश में हिंदू आज बेहद हताश और असहाय स्थिति में रहते हैं। वहां के हिंदुओं ने पलायन शुरू किया, लेकिन उत्पीड़ित हिंदुओं को भारतीय सीमा पर रोक दिया गया। पिछले दस वर्षों में हजारों रोहिंग्या और बांग्लादेशी सीमा पार कर घुस चुके हैं, लेकिन
भयभीत हिंदू समुदाय
को रोक दिया गया है। यहां उनके वे अंतर्राष्ट्रीय नियम, कानून, नीतियां सामने आ जाती हैं। पाकिस्तान के बालाकोट पर हमला कर सीना फुलाकर चलने वाली मोदी सरकार यही है? तो जो कार्रवाई पाकिस्तान के खिलाफ की गई वही बांग्लादेश के खिलाफ क्यों नहीं की जानी चाहिए? मोदी-शाह की मजबूत हिंदुत्ववादी सरकार होने के बावजूद पड़ोसी बांग्लादेश में हिंदू मार खा रहा है। इसके लिए क्या नेहरू, इंदिरा गांधी, ममता बनर्जी जिम्मेदार हैं या श्रीमान राहुल गांधी? बेहतर होगा कि जो लोग स्यापा कर रहे हैं कि उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र में हार गए क्योंकि उन्होंने हिंदुत्व छोड़ दिया, वे स्पष्ट करें कि आपने बांग्लादेश में हिंदुओं के मामले में क्या छोड़ा है। भाजपा का हिंदुत्व एक राजनीतिक लेन-देन है, स्वार्थ है, ढोंग है। मोदी के शासन में भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में हिंदू खतरे में आ गए। प्रधानमंत्री मोदी की नीतियां दुनियाभर के हिंदुओं को असुरक्षित बनाने वाली हैं। वैसे तो देश में हिंदू-मुसलमानों के बीच झगड़ा पैदा करना और उसी डर के माहौल में चुनाव जीतना मोदी सरकार का देशी खेल है, लेकिन देश के बाहर हिंदुओं पर यह खेल उल्टा पड़ रहा है। इसका उदाहरण बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहा अत्याचार है। भारत की संसद बांग्लादेश के हिंदुओं के लिए दो आंसू बहाने को तैयार नहीं है। संसद में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के बारे में बोलने नहीं दिया जाता है। किसी एक जॉर्ज सोरोस पर भाजपा के लोग संसद रोक देते हैं। लेकिन बांग्लादेश के हिंदुओं के लिए कोई भी अयोध्या के राम मंदिर की घंटी बजाकर जागरण करने को तैयार नहीं है। भाजपा ने देश में हिंदू समाज को मुर्दार कर दिया है। ये मुर्दार हिंदू ही भाजपा और मोदी की ताकत है!