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‘मोदी है तो मुमकिन है’ तो सीमा विवाद क्यों नहीं सुलझाते? …कर्नाटक सरकार ने मराठी भाषियों के महासम्मेलन को नहीं दी अनुमति …नाना पटोले ने उठाया महायुति नेताओं पर सवाल

सामना संवाददाता / मुंबई
एक तरफ जहां विधानमंडल का विशेष सत्र चल रहा है, वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद भड़कने की आशंका जताई जा रही है। इसका कारण यह है कि कर्नाटक सरकार द्वारा बेलगाव में आयोजित होनेवाले मराठी भाषियों के महासम्मेलन को अनुमति नहीं देने के बाद सीमावर्ती निवासी अपना गुस्सा व्यक्त कर रहे हैं। कर्नाटक पुलिस ने महाराष्ट्र के नेताओं के कर्नाटक में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसे लेकर राजनीतिक गलियारों से प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं। कर्नाटक सरकार का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है। महाराष्ट्र एकीकरण समिति ने मराठी भाषियों की एक भव्य बैठक का आयोजन किया। इस कार्यक्रम को कर्नाटक पुलिस ने अनुमति देने से इनकार कर दिया था। महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा पर तनाव पैदा हो गया है। महाराष्ट्र विधानसभा में इस बात पर प्रतिक्रिया आई कि महाराष्ट्र एकीकरण समिति को बैठक करने से रोका गया। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सभी विधायकों ने दिन की कार्यवाही का बहिष्कार किया।

बेलगाव को केंद्रशासित प्रदेश कब बनाया जाएगा? सरकार को इसका जवाब देना चाहिए। साथ ही सरकार किसी के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं करेगी। जब तक बेलगाम मामले का फैसला अदालत में नहीं आ जाता, तब तक हमारा यही मानना ​​है कि इस क्षेत्र का प्रशासन केंद्र द्वारा किया जाना चाहिए। सरकार को दिखाना चाहिए कि मराठी मानुष प्यारा है या नहीं।

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