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बात-जज्बात : रोज नहाना है जरूरी…

राज ईश्वरी

कल हमने बताया था कि नहलाने की मशीन ‘मिराई निंगेन सेंटाकुकी’ आ गई है और किस तरह हम १५ मिनट में तरोताजा हो सकते हैं। अब अहम बात यह है कि यदि लोग नहाना ही नहीं चाहेंगे तो चाहे जैसी भी मशीन आ जाए लोगों को फर्क नहीं पड़ता। जरूरत है नहाने की ‘विल पावर’ की, क्योंकि दुनिया में ऐसे कई देश है जहां लोग नहाना पसंद नहीं करते। हालांकि, उसकी वजह उनके देश की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए जस्टिफाई की जा सकती है।

जहां तक बात हमारे देश हिंदुस्थान की है तो हम लोग यानी हिंदुस्थानी दुनिया में सबसे ज्यादा नहाने वालों में शुमार किए जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के चलते औसत हिंदुस्थानी तकरीबन रोज नहाते हैं। हिंदुस्थानियों का मानना है कि रोज नहाकर उनका तन और मन न केवल तरोताजा हो उठता है, बल्कि स्नान कर वो अपने शरीर को पवित्र कर लेते हैं। बहुत से हिंदुस्थानी इसलिए रोज नहाते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि रोज पूजा-पाठ के पहले स्नान हर हाल में आवश्यक है, लेकिन साइंस इस बात से इत्तेफाक नहीं रखता। साइंस का मानना है कि रोज नहाने से नुकसान होता है साथ ही शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती है। कई स्टडीज में साबित हो चुका है कि स्किन में खुद को साफ करने की बेहतर क्षमता होती है। अगर आप जिम नहीं जाते या रोजाना पसीना नहीं बहाते, धूल-मिट्टी में नहीं रहते तो आपके लिए रोजाना नहाना जरूरी नहीं है। अगर सर्दियों में गरम पानी से देर तक नहाते हैं तो ये फायदे से ज्यादा नुकसान हो सकता है। स्किन ड्राई हो सकती है। इससे शरीर का नेचुरल ऑयल जो बहुत जरूरी है कम हो जाता है। साइंस के मुताबिक, ये ऑयल आपको मॉश्चराइज्ड और सुरक्षित रखने में सहायक होता है। साइंस के अनुसार, रोजाना नहाने के बजाय आप शरीर के केवल तीन अंगों को धो सकते हैं। जानने की कोशिश करते हैं स्वस्थ और तरोताजा रहने के लिए कितनी बार नहाना चाहिए? और रोजाना सिर्फ किन तीन अंगों की सफाई कर आप काम चला सकते हैं!


बार-बार नहाने से आपकी स्किन शुष्क हो सकती है, खासकर यदि आप किसी केमिकल वाले पदार्थ या साबुन का उपयोग करते हैं। हालांकि, अंडरआर्म एरिया में पूरी तरह से स्वच्छता बनाए रखना जरूरी है। डॉक्टर सैंडी स्कोट्निकी का मानना है कि अंडरआर्म के साथ तीन अंगों को धोना जरूरी है, ताकि एक्जिमा जैसी समस्याओं से बचा जा सके। अंडरआर्म की तरह ग्रोइन हिस्से में बाल और फंगस बढ़ने का खतरा अधिक होता है। संक्रमण से बचने के लिए आपको इस प्राइवेट बॉडी पार्ट को रोजाना धोने की जरूरत है। पैरों को धोना भी जरूरी है। अगर आप नंगे पैर हैं तो आपके पैरों में गंदगी जमा हो जाती है। यदि आप मोजे या जूते पहनते हैं तो बैक्टीरिया आसानी से पैदा हो सकते हैं, जो फंगल इन्फेक्शन का कारण बन सकते हैं। यह रही साइंस की बात! बात सामान्य जानकारी के लिए है। अगर हालात मौका नहीं देते तो इतने से भी काम चल सकता है। नहाना आपकी मर्जी पर निर्भर करता है। इसमें कोई शक नहीं है कि सुबह नहाना तरोताजा होने और दिन की शुरुआत करने का एक सबसे बढ़िया तरीका है। आपकी जितनी इच्छा है उतना नहाइए। जी भर के नहाइए। दिन में नहाइए, रात में नहाइए। घर में नहाइए, हमाम में नहाइए, नदी में नहाइए, स्विमिंग पूल में नहाइए, बाथ टब में नहाइए, जकूजी में नहाइए। अकेले नहाइए, मस्ती में नहाइए! नहाइए क्योंकि आप हिंदुस्थान में हैं।

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