सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य में सरकार गठन को लेकर १२ दिन चले खेल और फिर अब सरकार में मंत्रिमंडल को लेकर हो रही टालमटोल से राज्य का कामकाज प्रभावित हो रहा है। महायुति की सरकार अपनी मौज में है, जबकि राज्य में पेपर लीक का मामला गंभीर होता जा रहा है। पिछले एक सप्ताह में चार पेपर लीक होने के मामले सामने आए हैं। वो भी एमबीबीएस परीक्षा के पेपर लीक होने से हेल्थ यूनिवर्सिटी की हालत खराब हो गई है।
सत्ता में चूर महायुति सरकार प्रदेश में पेपर लीक के मामले में अंकुश लगाने में असफल साबित हुई है। प्रदेश में चल रही एमबीबीएस परीक्षाओं में पेपर लीक का यह चौंकानेवाला मामला सामने आया है। ऐसा देखा जा रहा है कि एमबीबीएस परीक्षाओं में जमकर गड़बड़ी हुई है। पिछले सोमवार से शुरू हुई परीक्षाओं में सभी चार पेपर लीक हो गए हैं इसलिए समय पर पेपर बदलने की प्रक्रिया हेल्थ यूनिवर्सिटी ने किया। पेपर लीक नहीं रोक पाने से युनिवर्सिटी भी शर्मिंदा है।
पेपर लीक होने के कारण आरोग्य विश्वविद्यालय ने कुछ स्थानों पर दोबारा परीक्षा आयोजित की है। परीक्षा समय पर शुरू नहीं हुई, क्योंकि पेपर के फॉर्माकोलॉजी और पैथोलॉजी दोनों परीक्षा के पेपर लीक हुए। परीक्षार्थियों की शिकायत है कि यूनिवर्सिटी की लापरवाही के कारण ये परीक्षाएं आधे घंटे देर से शुरू हो रही हैं। इन छात्रों को काफी परेशानी हो रही है। इन घटनाओं को लेकर हेल्थ यूनिवर्सिटी की ओर से म्हासरुल पुलिस स्टेशन और क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई गई है।
एक छात्र ने बताया कि सोमवार को अफवाह उड़ी कि पैथोलॉजी द्वितीय का पेपर भी लीक हो गया है इसलिए वह पेपर भी समय पर बदल दिया गया। पिछले सप्ताह बुधवार यानी ४ दिसंबर को पैथोलॉजी विषय का प्रश्न-पत्र लीक होने के कारण दूसरा प्रश्न-पत्र बेसमय पर दिया गया और परीक्षा करायी गई। इसके चलते परीक्षार्थियों को आधे घंटे की देरी से प्रश्न-पत्र मिलता है। दो दिसंबर को फॉर्माकोलॉजी ऑफ हेल्थ साइंसेज का एक पेपर भी लीक हो गया था। बाद में यह घोषणा की गई कि परीक्षा रद्द कर दी जाएगी और दोबारा परीक्षा आयोजित की जाएगी।