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लापरवाह ड्राइवरों से बेस्ट बनी कातिल! …हर दिन तमाम सड़क कानूनों की उड़ाते हैं धज्जियां, सिग्नल जंपिंग आम बात

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में बेस्ट बसों के लापरवाह ड्राइवरों द्वारा हर दिन सड़क सुरक्षा नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, लेकिन प्रशासन की तरफ से इन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है। इसका खामियाजा आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है। इसमें कई नागरिकों की जानें जा चुकी हैं। इन लापरवाह ड्राइवरों के कारण बेस्ट अब कातिल बन गई है।
गत सोमवार की रात कुर्ला में एक ऐसे ही लापरवाह ड्राइवर के कारण ७ लोगों की मौत हो गई और ४९ लोग घायल हो गए। बता दें कि बेस्ट के इन ड्राइवरों द्वारा रोजाना सड़क नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। इनमें सिग्नल जंपिंग, तेज रफ्तार से बस चलाना, और ओवरटेक करने की आदतें सामान्य हो गई हैं। ये घटनाएं न केवल यात्री सुरक्षा के लिए खतरनाक हैं, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी जानलेवा साबित होती हैं। लोगों ने इस विषय पर कई बार शिकायतें भी की हैं, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो रही है। बेस्ट के अधिकारियों को इन शिकायतों के बारे में अवगत कराए जाने के बावजूद, बसों के ड्राइवरों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते। इसके कारण, न केवल यात्री असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ता जा रहा है।

३ वर्षों में बेस्ट बसों के हुए १३३ एक्सीडेंट!
-२२ हादसे रहे जानलेवा

लोगों का कहना है कि बेस्ट प्रशासन को अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लेते हुए कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। ड्राइवरों को बेहतर प्रशिक्षण देना और नियमित निगरानी करना आवश्यक है।

कुर्ला में सोमवार की रात हुआ बेस्ट बस का हादसा कोई नई बात नहीं है। इसके साथ ही मुंबई में वेटलीज बसों की दुर्घटनाएं भी चिंता का विषय बनी हुई हैं। २०२२-२३ में वेटलीज बसों से २२ दुर्घटनाएं हुर्इं, जिनमें १३ जानलेवा हादसे थे। २०२३-२४ में दुर्घटनाओं की संख्या घटकर १३ हो गई, लेकिन २०२४-२५ में अब तक ७९ दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें २० लोग मारे गए और ४८ लोग गंभीर रूप से घायल हुए। कुल मिलाकर, तीन वर्षों में वेटलीज बसों से हुई दुर्घटनाओं की संख्या ११४ तक पहुंच चुकी है। इसी तरह तीन वर्षों में बेस्ट बसों की कुल १३३ दुर्घटनाओं में २२ जानलेवा हादसे शामिल हैं।
बता दें कि २०२२-२३ में बेस्ट बसों की ५१ दुर्घटनाएं हुर्इं, जिनमें ८ लोगों की मौत और ३२ लोग गंभीर रूप से घायल हुए। २०२३-२४ में यह संख्या बढ़कर ५५ हो गई। २०२४-२५ में अब तक २७ दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। लोगों का कहना है कि बेस्ट प्रशासन को अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लेते हुए कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। ड्राइवरों को बेहतर प्रशिक्षण देना और नियमित निगरानी करना आवश्यक है। इसके अलावा, यदि किसी ड्राइवर द्वारा सड़क नियमों का उल्लंघन किया जाता है, तो उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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