सामना संवाददाता / मुंबई
कुर्ला में हुए दर्दनाक बस हादसे के बाद बेस्ट ने बड़ा कदम उठाया है। बुधवार को बेस्ट प्रशासन ने पैâसला किया कि भीड़भाड़ वाले रेलवे स्टेशनों के पास अब केवल ९ मीटर तक की मिनी बसें ही चलाई जाएंगी। इसके लिए एक समिति का गठन किया गया है, जो इन क्षेत्रों का अध्ययन कर बेस्ट बसों और अन्य वाहनों के सुगम आवागमन के लिए कार्य योजना तैयार करेगी।
बेस्ट के अधिकारियों ने कहा कि बोरिवली (पश्चिम), अंधेरी (पश्चिम), बांद्रा (पूर्व), कुर्ला (पश्चिम), मुलुंड (पश्चिम) जैसे क्षेत्र न केवल भीड़भाड़ से जूझ रहे हैं, बल्कि ‘ऑटोरिक्शा’ के प्रभाव में भी हैं। यहां बड़ी बसों के लिए सुरक्षित तरीके से चलना मुश्किल हो गया है।
बेस्ट अधिकारियों के अनुसार, रेलवे स्टेशनों के बाहर अव्यवस्थित रूप से खड़े ऑटो और साझा ऑटोरिक्शा के कारण अक्सर झगड़े हो जाते हैं। ये रिक्शा बस स्टैंड और सड़क को ब्लॉक कर देते हैं, जिससे पैदल चलनेवालों, निजी वाहनों और बेस्ट बस चालकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। बेस्ट के महाप्रबंधक ने कहा कि भीड़भाड़ वाले इलाकों में ९ मीटर तक की मिनी या मीडियम बसों को चलाना ही बेहतर रहेगा। हालांकि, हमारे डिपो प्रबंधक स्थानीय पुलिस के संपर्क में रहते हैं, जो समय-समय पर इन इलाकों को खाली करवाते हैं, लेकिन शेयरिंग ऑटोरिक्शा अक्सर बसों को कामयाब नहीं होने देते।
ऑटोरिक्शा यूनियन के नेता थम्पी कुरियन ने सुझाव दिया कि शेयरिंग ऑटो के लिए चैनलाइज्ड लेन और उचित किराया एवं गंतव्य बोर्ड लगाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि बेस्ट बसों के लिए अलग लेन सुनिश्चित करने से रेलवे स्टेशनों के बाहर की समस्या को काफी हद तक सुलझाया जा सकता है। बेस्ट के अधिकारी भी मानते हैं कि बड़े वाहनों को रेलवे स्टेशनों के पास मोड़ने और पार्किंग जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यही कारण है कि अब छोटे वाहनों को प्राथमिकता दी जा रही है।