सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन हुए एक सप्ताह से ज्यादा हो गया है, लेकिन अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हुआ है। गृहमंत्री की नियुक्ति भी नहीं हुई है। गृह मंत्रालय को लेकर महायुति में खींचतान मची हुई है, महायुति के तीनों दलों में मंत्री पद के बंटवारे को लेकर झगड़े शुरू हैं। इसके चलते राज्य में कानून व्यवस्था पर किसी का नियंत्रण नहीं रह गया है। ऐसे में राज्य में अपराधियों का बोलबाला बढ़ता जा रहा है।
बता दें कि सीएम की शपथ विधि होने के बाद राज्य में हत्या, किडनैपिंग, दंगे आदि की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। दूसरी तरफ असामाजिक तत्वों द्वारा खुलेआम बारबालाओं के अश्लील नृत्य वाली रेव पार्टी का आयोजन किया जा रहा है। मगर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
पुलिस संरक्षण में
बारबालाओं की रेव पार्टी!
राज्य में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। हालत यह है कि पुलिस भी मूकदर्शक बनकर नजारा देख रही है। हाल ही में सातारा में एक रेव पार्टी का वीडियो आया है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि पुलिस संरक्षण में यह पार्टी चल रही थी।
बता दें कि पुणे में विधायक योगेश तिलेकर के मामा की किडनैपिंग और हत्या के बाद बीड में सरपंच की किडनैपिंग और हत्या हुई। इसके बाद परभणी में लगातार दंगा भड़क रहा है। अब खबर है कि सातारा जिले के कास पठार क्षेत्र से एक होटल में आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों ने बारबालाओं की रेव पार्टी का आयोजन किया था। इस पार्टी के दौरान हुए विवाद में बारबालाओं के साथ मारपीट की गई, जिसके बाद वहां आए लोग आपस में भिड़ गए और उस घटना में तीन लोग घायल हो गए। आश्चर्य तो यह है कि पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है। आरोप है कि पुलिस ने उस पार्टी को संरक्षण दिया था, जिससे पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। बता दें कि इन दिनों बड़े शहरों में रेव पार्टियों और रंगीन-संगीत आयोजनों का चलन तेजी से बढ़ रहा है। कई बार पुलिस ऐसे आयोजनों पर कार्रवाई करती है, लेकिन सातारा में पुलिस गुंडे प्रवृति के लोगों को रेव पार्टी आयोजन करने के लिए संरक्षण दे रही है। इस बारे में कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने कहा कि पिछली महायुति सरकार के ढाई साल के कार्यकाल में अपराध के मामले चरम पर थे। अब इस सरकार ने भी गृह विभाग के साथ मजाक शुरू कर दिया है। २६ नवंबर को ही सरकार का गठन हो जाना चाहिए था, लेकिन उसके लिए लगभग दो सप्ताह लग गए और उसके बाद भी मंत्रिमंडल का विस्तार अबतक नहीं हुआ है। गृह विभाग के लिए मंत्री नियुक्त नहीं हुए हैं। यह सरकार जन सेवा और जनता को न्याय देने का मकसद नहीं रखती है। सिर्फ सत्ता की मलाई खाने में ज्यादा रुचि दिखा रही है और यही इस राज्य का दुर्भाग्य है।