सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई मनपा में हुए ६.५ हजार करोड़ रुपए के सड़क कंक्रीट्राइजेशन घोटाले की जांच निष्पक्ष होनी चाहिए। यह तभी संभव है जब पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, पालक मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा और दीपक केसरकर को मंत्रिमंडल से दूर रखा जाए। यह मांग करते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि फडणवीस को यदि साफ-सुथरी सरकार चलानी है तो सड़क घोटाले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का कोई मतलब नहीं है, जब तक कि इन तीन लोगों को मंत्रिमंडल से बाहर नहीं रखा जाता है। उक्त भ्रष्टाचार को इन तीनों का पूरा समर्थन था। इनके मंत्री होने से यह जांच प्रभावित होगी।
कल आदित्य ठाकरे ने ‘मातोश्री’ में पत्रकार परिषद लेकर सरकार और भाजपा पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि पिछले दो सालों में भाजपा ने शिंदे सरकार के भ्रष्टाचार को खुला समर्थन दिया है। अब चुनाव के समय कार्रवाई की बात करना दिखावा है।
कचरा उठाना मनपा की जिम्मेदारी, फिर ‘यूजर फी’ क्यों?
मनपा द्वारा मुंबईकरों से रोजाना कचरा उठाने के लिए ‘यूजर फी’ वसूलने की योजना पर आदित्य ठाकरे ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि मनपा का यह कर्तव्य है कि वह शहर से कचरा उठाए। फिर मुंबईकरों से इस सेवा के लिए पैसा क्यों लिया जाए? बीते दो वर्षों में मनपा कचरा प्रबंधन में पूरी तरह असफल रही है। अगर सड़क पर कचरे के ढेर मिले, तो क्या मनपा मुंबईकरों को पैसे लौटाएगी? ऐसा तीखा सवाल आदित्य ठाकरे ने किया। उन्होंने आगे कहा कि हमने मनपा के माध्यम से कई बार मुंबई की सेवा की है, लेकिन कभी भी मुंबईकरों पर आर्थिक बोझ नहीं डाला। यह मनपा प्रशासन की नाकामी है।
भाजपा का हिंदुत्व नकली है!
आदित्य ठाकरे ने कहा कि भाजपा का हिंदुत्व दिखावा है, जिसे सिर्फ चुनावी फायदे के लिए इस्तेमाल किया जाता है। भाजपा सरकार आने के बाद हिंदू मंदिर खतरे में पड़ गए हैं। उद्धव ठाकरे ने भाजपा के इस नकली हिंदुत्व को बेनकाब किया है। दादर के हनुमान मंदिर के मामले में रेलवे द्वारा दिए गए नोटिस को भाजपा ने दबाव में वापस लिया। यह भाजपा के नकली हिंदुत्व का एक और उदाहरण है।