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कड़े पहरे में होंगे कोकण के ४८ कोस्टल पोर्ट… आतंकी गतिविधियों की गुंजाइश बढ़ी… ‘सी विजिल’ रिपोर्ट से हुआ खुलासा

सामना संवाददाता / मुंबई

महाराष्ट्र के कोकण तटीय क्षेत्र में कुल ९१ मछुआरा घाट हैं। इन घाटों पर आने वाली नौकाओं पर नौसेना ने सतर्कता बढ़ाई है। साथ ही इन घाटों से जुड़े मछुआरों के साथ नियमित संवाद भी किया जा रहा है। हाल ही में संपन्न `सी विजिल’ तटीय सुरक्षा अभ्यास के दौरान प्राप्त जानकारी के आधार पर नई रणनीतियों पर काम शुरू हो गया है। सूत्रों के अनुसार यहां ४८ खाड़ी क्षेत्र संवेदनशील हैं। यहां से आतंकी गतिविधियों की गुंजाइश है। मुंबई और देश के लिए यहां से खतरा हो सकता है।
सागर में १२ मील तक की सुरक्षा
औपचारिक रूप से भारत की प्रादेशिक समुद्री सीमा १२ मील तक है, जिसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी कोस्टल पुलिस की है। १२ से २५ सागर मील तक तटरक्षक बल सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाता है। सागर में २५ मील से आगे और २०० मील तक भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) की सुरक्षा नौसेना की जिम्मेदारी है। २६/११ हमले के बाद से तटीय सुरक्षा की अंतिम जिम्मेदारी नौसेना पर तय की गई है। कुछ दिनों पहले `सी विजिल’ नामक तटीय सुरक्षा अभ्यास हुआ था। वैसे यह अभ्यास हर दो साल में नौसेना द्वारा आयोजित किया जाता है। इस साल यह अभ्यास २० और २१ नवंबर को आयोजित हुआ। इसमें मिली जानकारी के आधार पर नौसेना ने नई रणनीतियों पर काम शुरू कर दिया है। जानकारी के अनुसार, कोकण तट के ९१ मछुआरा घाटों पर हजारों मछुआरों की नौकाएं प्रतिदिन आती हैं। यहां कुल ४८ खाड़ी क्षेत्र हैं। ये खाड़ी क्षेत्र कभी नालों तो कभी नदियों के रूप में हैं। कुछ खाड़ियां दोनों ओर से पहाड़ों से घिरी हुई हैं, जिससे वे सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील बन जाती हैं। यहां कुल १२० चौपाटियां हैं। इन चौपाटियों तक नौकाएं पहुंच सकती हैं।

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