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निर्मला की अंग्रेजी अच्छी, लेकिन करतूत नहीं! … खड़गे का वित्तमंत्री सीतारमण पर तंज

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
राज्यसभा में संविधान पर बहस के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर हमला करने को लेकर निर्मला सीतारमण पर कटाक्ष करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मुझे उन्हें बताना होगा कि मैं भी पढ़ना जानता हूं। मैंने म्यूनिसिपैलिटी स्कूल में पढ़ाई की है। निर्मला सीतारमण ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। यह तय है कि उनकी अंग्रेजी अच्छी होगी, उनकी हिंदी अच्छी होगी, लेकिन करतूत अच्छी नहीं है।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में कहा कि अब उनको बताना पड़ता है कि हमें भी थोड़ा-थोड़ा पढ़ना आता है। हम तो म्यूनिसिपैलिटी स्कूल में पढ़ें हैं। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। निश्चित है कि उनकी अंग्रेजी अच्छी हो सकती है, उनकी हिंदी भी अच्छी हो सकती है। सभी कुछ अच्छा हो सकता है, लेकिन उनकी करतूत अच्छी नहीं है। अहमद फराज की शायरी ‘तुम खंजर क्यों लहराते होष्ठ’ से खड़गे ने सरकार पर तंज किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जो लोग राष्ट्रीय ध्वज से नफरत करते हैं, जो हमारे ‘अशोक चक्र’ से नफरत करते हैं, जो संविधान से नफरत करते हैं। ऐसे लोग हमें सिखाने की कोशिश कर रहे हैं। जब संविधान बनाया गया था, तो इन लोगों ने इसे जला दिया था। जिस दिन संविधान अपनाया गया था। उन्होंने रामलीला मैदान (दिल्ली में) में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी के पुतले जलाए थे। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि १९४९ में आरएसएस नेताओं ने भारत के संविधान का विरोध किया, क्योंकि यह मनुस्मृति पर आधारित नहीं था। न तो उन्होंने संविधान को स्वीकार किया और न ही तिरंगे को।ट

उन्होंने कहा कि २६ जनवरी २००२ को पहली बार मजबूरी में आरएसएस हेडक्वार्टर पर तिरंगा फहराया गया, क्योंकि इसके लिए कोर्ट का आदेश था। मल्लिकार्जुन खड़गे ने इंदिरा गांधी की सरकार के समय बांग्लादेश की आजादी का जिक्र किया और कहा कि एक लाख लोगों को बंदी बनाना आसान काम नहीं, लेकिन आयरन लेडी इंदिरा गांधी ने बता दिया कि हमारे करीब आए तो खैर नहीं।

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