उमेश गुप्ता/वाराणसी
16 दिसंबर की शाम BHU गेट लंका के मुख्य द्वार पर ‘मेरी रातें, मेरी सड़कें’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें भारी संख्या में बीएचयू की छात्राएं एवं छात्र तथा नागरिक समाज के लोग शामिल हुए तथा देश में महिलाओं के उपर बढ़ती हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई। यह कार्यक्रम 12 साल पहले देश की राजधानी दिल्ली में घटित विभत्स निर्भया कांड की याद में आयोजित किया गया था जिसने पूरे देश को दहला कर रख दिया। कार्यक्रम में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर आक्रोश व्यक्त किया गया।
BHU गेट लंका के मुख्य द्वार पर सभा हुई जिसमें महिलाओं की आजादी को समर्पित बातचीत हुई, कविताएं और क्रांतिकारी गीत गाये गए। उसके बाद बीएचयू मुख्य द्वार से रविदास गेट होते हुए पुनः मुख्य द्वार तक मशाल जुलूस निकाला गया। इस कार्यक्रम का आयोजन दखल, एपवा, आइशा और NSUI के द्वारा किया गया।
मेरी रातें, मेरी सड़कें शीर्षक इस कार्यक्रम में छात्र- छात्राएं और बनारस के आम नागरिक एकजुट होकर ये ऐलान किए कि अब हम और ऐसी घटनाओं को बर्दास्त नहीं करेंगे। महिलाओं के लिए सर्वाजनिक स्थानों को सुरक्षित बनाना होगा जिसपर उनका बराबरी का हक है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से, गांधीयन हिमांशु कुमार, जागृति राही,इन्दु, अर्शिया, शालिनी, कुसुम वर्मा, नीति, सुजाता, शिवानी दास, प्रतिमा गौंड, बबिता, रूबी, रैनी, धन्नजय, रौशन, नीरज, जय, शांतनु, आयशा ,अनंता, स्मिता, नीतू, प्रिया, प्रियंका, आईना, रौशन, नीरज, सोनिया, विभा, कमली, शीला, वंदना, ऐना,प्रतिमा, कात्यानी, अर्शिया, हर्ष, काजल, शान्तनु इत्यादि सैकड़ो लोग शामिल हुए।