श्रीकिशोर शाही
मुंबई
अखबार के पन्नों में अकसर बच्चियों के यौन शोषण की खबरें आती रहती हैं। मगर कभी-कभार जब किसी बाप का खून हद से ज्यादा उबल जाता है तो वह इसके बाद खौफनाक बदला भी लेता है। हाल ही में आंध्र प्रदेश के अन्नामय्या जिले से एक ऐसी ही खबर ने हैरान कर दिया। अपनी नाबालिग बच्ची से हुए यौन शोषण का बदला लेने के लिए ३८ साल के एक शख्स ने कुवैत से हजारों किलोमीटर का सफर तय किया और गांव में आकर शोषण करनेवाले को मार दिया। मामला गत शनिवार का है। हत्या करने के बाद यह शख्स वापस लौटकर कुवैत चला गया। वहां पहुंचने के बाद उसने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी करके इसकी जानकारी दी कि किस तरह से उपनी पत्नी की बहन के ससुर की रॉड से पीटकर हत्या की। अब पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार, इस शख्स की १२ साल की बेटी गांव में थी, जहां पर ६० साल के उस बूढ़े ने उसका यौन शोषण किया था।
कुछ ऐसा ही मामला कुछ वर्ष पहले गोरखपुर में भी हुआ था। गोरखपुर में कोर्ट के गेट के सामने बलात्कार के एक आरोपी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। अदालत के बाहर मर्डर की इस घटना से पूरा इलाका दहल गया। मृतक बिहार के मुजफ्फरपुर का रहनेवाला था और एक मामले की सुनवाई के लिए उसे अदालत में लाया गया था। हालांकि, वहां द्वार पर मौजूद दो सुरक्षा गार्डों और एक अन्य शख्स ने मिलकर हमलावर को दबोच लिया। इस घटना के बाद वकीलों ने अदालत में घटना के खिलाफ प्रदर्शन भी किया। रिपोर्ट के अनुसार, दिलशाद हुसैन नामक व्यक्ति अपने वकील शंकर शरण शुक्ला के बुलावे पर अदालत आया था। वकील के पहुंचने से पहले ही एक शख्स ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से दिलशाद के सिर में गोली मार दी, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। गोली मारनेवाला शख्स सेवानिवृत्त सिपाही था। जांच में पता चला कि मृतक गोरखपुर के बढलगंज के पटनाघाट तिराहा स्थित बीएसएफ के सेवानिवृत्त सिपाही के घर के सामने पंक्चर की दुकान चलाता था। गत १२ फरवरी, २०२० को दिलशाद ने सेवानिवृत्त सिपाही की नाबालिग बेटी का अपहरण कर लिया था और इसके बाद १७ फरवरी को पिता ने बलात्कार का मामला दर्ज करवाया था। इसके बाद १२ मार्च, २०२१ को पुलिस ने हैदराबाद से दिलशाद को गिरफ्तार किया और नाबालिग लड़की को छुड़ाया। पुलिस ने दिलशाद को जेल भेज दिया था, पर वह दो महीने बाद जमानत पर जेल से छूट गया था। यह बात लड़की के पिता को पसंद नहीं आई और उसने दिलशाद को सबक सिखाने की ठान ली और कोर्ट के द्वार पर उसे गोली मार दी।