सामना संवाददाता / मुंबई
पिछले कुछ सालों में बसों की किल्लत के कारण रोजाना प्रवास करने वाले यात्रियों की संख्या में 11 लाख की गिरावट देखी गई। इसलिए अब एमएसआरटीसी अपने बेड़े में किराए की तकरीबन 1300 बसें शामिल करने जा रही है। जिसके तहत मुंबई-पुणे क्षेत्र के अलावा नाशिक-संभाजीनगर और नागपुर-अमरावती समेत प्रत्येक रीजन के लिए तकरीबन 450 बसें सेवा में शामिल होंगी, जिससे यात्रियों को काफी राहत मिलेगी। कोविड से पहले एमएसआरटीसी के बेड़े में तकरीबन 18,500 बसें थी, जिसमें से 15,500 बसें सेवा में थी और रोजाना 65 लाख यात्री इन बसों में सफर करते थे। लेकिन बाद में एमएसआरटीसी के बेड़े में बसों के खराब होने और नई बसों के न होने से करीब एक हजार बसें कम होने के बाद फिलहाल करीब 14,500 बसें ही सेवा में हैं। बसों की संख्या कम होने का नतीजा यह निकला कि यात्रियों की रोजाना संख्या 65 लाख से घटकर 54 लाख पर आ गई। डिमांड होने के बावजूद बसों की किल्लत की वजह से एमएसआरटीसी को कई सालों तक घाटा सहना पड़ा। ये नई बसें नए साल से सेवा में आ सकती हैं, जिससे एमएसआरटीसी को अपने नुकसान की भरपाई कर मुनाफा कमाने की उम्मीद है। साथ ही लाल परी का इस्तेमाल करनेवाली राज्य की गरीब जनता न सिर्फ इन सेवाओं का लाभ ले पाएगी।