सामना संवाददाता / नागपुर
सरकार की गलत नीतियों की वजह से कपास और सोयाबीन की फसल बर्बाद हो रही है। किसानों को समर्थन देने के बजाय उन्हें संकट में डालने वाली यह सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है। नतीजन बड़ी संख्या में किसान आत्महत्या कर रहे हैं। यह आरोप लगाते हुए महाविकास आघाड़ी के विधायकों ने कल विधानभवन की सीढ़ियों पर जोरदार प्रदर्शन किया। और मांग की कि किसानों को कपास, सोयाबीन और तूर जैसी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करना और धान पर बोनस देना चाहिए।
इस दौरान विपक्ष ने कपास हुआ रद्दी, सोयाबीन हुआ मिट्टी’, ‘किसानों को तबाह करने वाली सरकार मुर्दाबाद’, जैसे नारों के साथ सरकार का विरोध किया। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में सोयाबीन और तूर के पौधे उठाए हुए थे और गले में कपास की माला पहन रखी थी। विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे केंद्र सरकार की कृषि आयात-निर्यात नीति को गलत ठहराया और कहा कि यह सरकार किसानों की अनदेखी कर रही है।