मुख्यपृष्ठसमाचारमुंब्रा की समाजसेवी पहुंची संभल, पीड़ितों से की मुलाकात!

मुंब्रा की समाजसेवी पहुंची संभल, पीड़ितों से की मुलाकात!

 

सामना संवाददाता / ठाणे
देश की संस्कृति गंगा-जमुनी तहजीब की है, लेकिन कुछ समय से यूपी में इसको भुलाया जा रहा है। राज्य के संभल में गुनहगारों के साथ बेगुनाहों को भी कार्रवाई के नाम पर परेशान किया जा रहा है। राज्य में ऐसे पीड़ितों से मुलाकात करने पहुंची मुंब्रा की समाजसेवी मर्जिया शानू पठान ने वहां के मजलूमों की कहानी बयां की हैं।
बता दें कि ठाणे महानगरपालिका के पूर्व विपक्षी नेता अशरफ पठान शानू की बेटी और मुंब्रा की समाजसेवी मर्जिया शानू पठान ने संभल दौरा करके उनका हाल जाना और सहानुभूति प्रकट की। वहां की स्थिति के बारे में मर्जिया ने बताया कि राज्य में महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए अल्पसंख्यकों, दलितों, पिछड़े वर्गों के साथ अन्याय किया जा रहा है। देशवासियों को मस्जिदों और मंदिरों में उलझाया जा रहा है।
मर्जिया ने बताया कि इस देश का सिर्फ हिंदू-मुस्लिम, अमीर-गरीब ही नहीं, देश का संविधान भी सुरक्षित नहीं रह गया है। संसद में बैठे भाजपा के मुख्यमंत्री योगी और उनके नेता सिर्फ देश को तोड़ने वाली बातें करते हैं। अगर इनके जुल्म के खिलाफ कोई आवाज उठाए तो उनके घरों, व्यवसायों और संपत्तियों को बर्बाद कर दिया जा रहा है। कोई दलित सड़क पर उतर कर आंदोलन करे तो उस पर लाठियां बरसाई जाती हैं।
मर्जिया ने कहा कि संभल एक ऐतिहासिक शहर है, जहां सभी हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग एक साथ रहते हैं। कोई भी किसी के धर्म के खिलाफ नहीं बोलता है और यहां की संस्कृति अमन प्रसिद्ध है। यहां के शांतिपूर्ण माहौल में जहर घोल दिया गया है, भय और दहशत का माहौल बन गया है। मर्जिया ने कहा कि यह सब देश की निष्पक्ष जनता के सामने आना चाहिए इसलिए हम जल्द ही शरद पवार और जितेंद्र आव्हाड सहित देश के धर्मनिरपेक्ष नेताओं से मिलेंगे और उनसे इसे सदन में उठाने की अपील करेंगी।

अन्य समाचार