सूर्य की रोशनी से पृथ्वी रौशन होती है। धरती पर गर्मी का एहसास होता है। साथ ही धरती पर कई और तरह की ऊर्जाओं का स्रोत सूर्य होता है, लेकिन सूर्य से अविश्वसनीय रूप से बड़ी ऊर्जा की तरंगें भी निकलती हैं, जो पृथ्वी के लिए बेहद गंभीर समस्या बन सकती है। उन्हें सौर सुपरफ्लेयर कहा जाता है। दुनियाभर के वैज्ञानिक धीरे-धीरे इसका अध्ययन करते हुए इसे लेकर चिंतित हो रहे हैं, क्योंकि पहले वैज्ञानिकों को लगता था कि सूर्य में ये घटनाएं लगभग एक हजार साल में एक बार होती हैं। लेकिन हाल ही में उन्हें ये पता चला है कि अंतरिक्ष में ये घटनाएं अक्सर होती हैं। सूर्य के सुपरफ्लेयर हमारे लिए इसलिए चिंता के विषय हैं, क्योंकि हम सैटेलाइट, जीपीएस और पावर ग्रिड जैसी बहुत सारी तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन एक बड़ी सौर ज्वाला इन सभी चीजों को एक बार में गड़बड़ कर सकती हैं। अब सवाल यह है कि क्या हम सौर ज्वाला से होने वाली समस्याओं के लिए तैयार हैं? डॉ. वैलेरी वसीलीव ने दिसंबर २०२४ में साइंस में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में ५० हजार से ज्यादा सितारों के डेटा की जांच की। उन तारों को करीब १०० वर्षों में एक बार सुपरफ्लेयर का अनुभव होता है। इस नई खोज ने वैज्ञानिकों के लिए चिंता पैदा कर दी है।