सगीर अंसारी
जिन्हें समाज के लिए कुछ करना होता है, वो इसका रास्ता खुद ही ढूंढ़ लेते हैं। ऐसे ही शख्स हैं, उत्तर प्रदेश स्थित सिद्धार्थ नगर जिले के बतसा गांव से ताल्लुक रखने वाले मोहम्मद सईद याहिया खान का जन्म २००१ में मुंबई के गोवंडी क्षेत्र में हुआ। उन्होंने घर की आर्थिक स्तिथि खराब होने के बावजूद ग्रेजुएशन तक की शिक्षा प्राप्त करने के साथ राज्य स्तरीय लेवल पर `ऑस्ट्रेलिया फुटबॉल चैंपियनशिप’ में बतौर खिलाड़ी हिस्सा लिया। मोहम्मद सईद ने अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों का वहन करते हुए दिन-रात सच्ची लगन और मेहनत के साथ समाज समाजसेवा में भी उल्लेखनीय भूमिका निभाई है।
मोहम्मद सईद का कहना है कि वे जरूरतमंद लोगों खासकर सुविधाओं के अभाव के चलते शिक्षा पूरी न करने वाले बच्चों में वे अपना बचपन देखते हैं। उनका कहना है कि उनके पिताजी एक टेलर मास्टर थे। उनकी कम आमदनी में मुश्किल से घर चल पाता था। पिता के दुकान से घर वापस आने पर पसीने से भीगे कपड़ों को देखकर उनका मन भर आता था। यही वजह है कि वे आम लोगों की समस्याओं को अपनी समस्या समझकर उनका निराकरण करना ही उनकी प्राथमिकता है।
मोहम्मद सईद ने अपनी १६ वर्ष की उम्र में रफीक नगर क्षेत्र में रहने वाले गरीब बच्चों के लिए नि:शुल्क कोचिंग क्लासेस की शुरुआत की, जिसमें सिर्फ तीन बच्चे थे। आज इनकी मुफ्त ११ क्लासेस चल रही हैं, जिसमें ६०० से ज्यादा गरीब बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इसके अलावा बच्चों में स्पोर्ट्स के प्रति जागरूकता लाने के लिए `गोवंडी फूटी फुटबॉल क्लब’ शुरू किया, जिसमें लगभग ४ सौ से ज्यादा बच्चे हैं। वहीं क्षेत्र की गरीब लड़कियों के हुनर को निखारने के लिए मुफ्त सिलाई-कढ़ाई व ब्यूटी पार्लर कोर्स के लिए क्लास का आयोजन किया। इसी क्रम में गरीबों और बेसहारा विधवा महिलाओं सहित बुजुर्गों के लिए सरकार की ओर से आने वाली स्कीम उन तक पहुंचाने के लिए निरंतर जद्दोजहद करते हैं।
सईद ने अपने साथियों के साथ मिलकर `नई सोच’ नामक संस्था का गठन करके हर महीने में तीन बार अलग-अलग जगहों पर मुफ्त मेडिकल वैंâप लगाते हैं। इन वैंâपों में नेत्र जांच, रक्त जांच, चश्मा वितरण किया जाता है। इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान ३ हजार गरीब व बेसहारा परिवारों को ढाई साल तक खाना पहुंचाया। रफीक नगर क्षेत्र में गटर, लाइट, पानी जैसी किसी भी समस्या का निराकरण करने में मोहम्मद सईद अपनी अहम भूमिका निभाते हैं। जाति-धर्म से परे हटकर हर जरूरतमंदों की सेवा में वे हमेशा तत्पर और अग्रसर रहते हैं। मोहम्मद सईद का कहना है कि हर इंसान अगर जरूरतमंद लोगों की मदद करने लगे तो समाज में एक दिन बड़ा परिवर्तन जरूर देखने को मिलेगा। हर मनुष्य को अपनी शक्ति के अनुसार लोगों की मदद करनी चाहिए।